कर्नाटक हाईकोर्ट ने ‘सी कृष्णैया चेट्टी एंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड‘ के निदेशक सी. गणेश नारायण और उनकी पत्नी के खिलाफ एक आपराधिक मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया है। कंपनी के एक कर्मचारी ने दंपति पर मिर्च स्प्रे का उपयोग करने का आरोप लगाया है। साथ ही अन्य सुरक्षाकर्मियों के साथ याचिकाकर्ताओं की संपत्ति में हस्तक्षेप करने का प्रयास करने का आरोप है।
आपको बता दें जस्टिस एम नागाप्रसन्ना की सिंगल बेंच ने आरोपी दंपति की याचिका खारिज कर दी और कहा, “दूसरी याचिकाकर्ता निजी बचाव के रूप में काली मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल नहीं कर सकती थी, क्योंकि प्रथम दृष्टया उसके जीवन को कोई आसन्न खतरा या खतरा नहीं था। इसलिए, मौजूदा मामले में कम से कम जांच की आवश्यकता होगी।”
दरअसल, दलील पर विचार करते हुए कि काली मिर्च स्प्रे का उपयोग उक्त निजी बचाव के लिए किया गया है, यह कहा गया कि काली मिर्च स्प्रे का उपयोग खतरनाक हथियार के रूप में नहीं किया जाता है, यह आईपीसी की धारा 324 के तहत अपराध है।
अदालत ने कहा, “इस देश में किसी भी कानून द्वारा काली मिर्च स्प्रे के खतरनाक हथियार के उपयोग के संबंध में कोई निर्धारण नहीं किया गया है। लेकिन, संयुक्त राज्य अमेरिका की एक अदालत ने पीपुल्स बनाम सैंडल 84 एन.वाई.एस. 3डी 340 (एन.वाई. सुपर.सीटी.2018) ने माना है कि काली मिर्च स्प्रे जैसे हानिकारक रासायनिक स्प्रे खतरनाक हथियार है।
वहीं, मामले में शीर्ष अदालत के एक फैसले पर भरोसा करते हुए अदालत ने कहा, “याचिका खारिज करने योग्य है और तदनुसार खारिज की जाती है। इसके साथ ही यह स्पष्ट किया जाता है कि आदेश के दौरान की गई टिप्पणियां केवल सीआरपीसी की धारा 482 के तहत याचिकाकर्ताओं के मामले पर विचार करने के उद्देश्य से हैं और यह किसी अन्य मंच के समक्ष याचिकाकर्ताओं के खिलाफ लंबित किसी अन्य कार्यवाही को बाध्य नहीं करेगी।”