ये शहर महाशिवरात्रि पर महादेव की भक्ति में डूब जाते हैं,महाशिवरात्रि का महापर्व 18 फरवरी 2023 को…….

February 11, 2023 | samvaad365

महादेव की पूजा जो भी भक्त सच्चे मन से करता है महादेव उसकी हर मनोकामना पूरी करते हैं। ऐसी मान्यता है कि सावन और महाशिवरात्रि के मौके पर उनकी पूजा कर आपको मनचाहा वरदान मिल सकता। इस साल महाशिवरात्रि का महापर्व 18 फरवरी 2023 को पूरे देश में हर्षोउल्लास और धूमधाम से मनाया जाएगा। ऐसे में महाशिवरात्रि के मौके पर उनके भक्त उनके दर्शन करने के लिए मीलों का सफर तय करते हैं।

ये शहर भक्ति में डूब जाते हैं 

विश्वनाथ मंदिर – वाराणसी
भगवान भोले के त्रिशूल पर टिकी काशी नगरी में बाबा विश्वनाथ मंदिर का नवीनीकरण कर दिया गया है जिसके कारण ये मंदिर पहले से भी दिव्य दिखाई देने लगा है। विश्वनाथ मंदिर में बाबा भोले का दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ देखने लायक होती है।

कालीनाथ महाकालेश्वर मंदिर- हिमाचल
देवभुमि हिमाचल में स्थित कालीनाथ महाकालेश्वर महादेव मंदिर व्यास नदी के पवित्र तट पर बना हुआ है। ये मंदिर धार्मिक आस्था और तीर्थस्थल का बड़ा केंद्र माना जाता है। इस मंदिर में भगवान शंकर की पिंडी भूगर्भ में स्थापित है। ऐसी मंदिर को लेकर मान्यता है कि मां काली ने भगवान शंकर को पति रूप में पाने के लिए इसी स्थान पर तप किया था। शिवरात्रि के मौके पर इस मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।

मार्कंडेश्वर महादेव मंदिर -कुरुक्षेत्र
कुरुक्षेत्र का मार्कंडेश्वर महादेव मंदिर कुरुक्षेत्र से करीब 25 किलोमीटर दूर शाहबाद मारकण्डा नामक नदी के पावन तट पर बना है। मान्यता है कि यह स्थान पर महर्षि मार्कण्डेय की तपोभूमि रहा है इसी कारण इस स्थान का नाम शाहबाद मारकंडा पड़ा। इस शिवरात्रि आप महादेव के इस मंदिर में जाकर दर्शन कर सकते हैं।

शीतलनाथ मंदिर – श्रीनगर
श्रीनगर के हब्बा कदर इलाके में भगवान शिव को समर्पित शीतल नाथ मंदिर है। शीतलनाथ मंदिर 31 साल की लंबी अवधि के बाद पिछली बंसत पंचमी के अवसर पर खोला गया है। इस दौरान यहां विशेष पूजा अर्चना भी की गयी। 31 साल पहले ये मंदिर घाट की परिस्थितियों की वजह से बंद करना पड़ा था। लेकिन स्थानीय लोगों की कोशिश एक बार फिर रंग लायी और मंदिर को खोल दिया गया। बताया जाता है कि मंदिर में लगातार भक्तों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।

बाबा महाकाल – उज्जैन
उज्जैन में बाबा महाकाल को पहले भस्म से स्नान कराया जाता है उसके बाद पंच स्नान कर बाबा का विशेष श्रृंगार किया जाता है और फिर दिव्य आरती की जाती है। बाबा के भक्त दूर दूर से इस आरती में सम्मिलित होने पहुंचते हैं।

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