समाजसेवी भोले जी महाराज का जन्म दिवस श्री हंसलोक आश्रम छतरपुर में मनाया गया. इस मौके पर कई धर्मिक, सामाजिक और राजनैतिक संगठनों से जुड़े पदाधिकारियों, ने भोले जी महाराज को जन्मदिवस की शुभकामनाएं दी. साथ ही इस कार्यक्रम में देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु एवं संत-महात्मा शामिल हुए. इस अवसर पर माता मंगला ने कहा कि बड़े परमार्थी होते हैं जो स्वयं कष्ट सहनकर लोगों को ज्ञान, सेवा और सत्कर्म के मार्ग पर लगाते हैं. संतों की पहचान उनके बाहरी रूप-रंग तथा वेशभूषा नहीं की जा सकती बल्कि उनकी पहचान अध्यात्म ज्ञान तथा सत्कर्मों से होती है. माता मंगला ने भोले महाराज के जन्मोत्सव समारोह में उपस्थित संत-महात्माओं का आहवान किया और देश के कोने-कोने में जाकर अध्यात्म ज्ञान का प्रचार करें जिससे समाज में प्रेम, शांति, एकता और सदभाव का वातावरण कायम किया जा सके. माता मंगला ने कहा कि भोले जी का जैसा नाम है उसी के अनुरूप उनके अंदर गुण भी हैं. विनम्रता, सादगी तथा भोलेपन के कारण बचपन से ही उन्हें हंसजी महाराज तथा माता राजेश्वरी देवी का आशीर्वाद मिला और उन्हीं के आशीर्वाद से भोलेजी महाराज के ज्ञान प्रचार एवं समाज सेवा के कार्य लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. उत्तराखण्ड से आए भजन गायक चन्द्रशेखर पंत एवं साथियों ने भगवान शिव, गुरुपर्व तथा सत्संग की महिमा से जुड़े भजन प्रस्तुत कर वातावरण को भक्तिमय बना दिया.
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(संवाद 365/ जगमोहन आजाद)
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