केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में लगे सोने पर विवाद, BKTC ने बताया षड्यंत्र

June 18, 2023 | samvaad365
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तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की दीवारों पर सोने की जगह तांबे की परत चढ़ाने का आरोप लगाते हुए इसकी जांच की मांग उठाई है। वहीं बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह में सोने की परत चढ़ाने के विवाद को षड्यंत्र का हिस्सा बताया। समिति का कहना है कि दानी दाता की श्रद्धा और आस्था की भावना को देखते हुए मंदिर समिति ने बोर्ड बैठक में प्रस्ताव का परीक्षण कर गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित करने की अनुमति दी।
बीकेटीसी के मीडिया प्रभारी हरीश गौड़ ने स्पष्ट किया है कि बीकेटीसी अधिनियम-1939 में निर्धारित प्रावधानों के अनुरूप ही दानी दाता से दान स्वीकारा गया है। केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित करने के लिए शासन से अनुमति ली गई। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के विशेषज्ञों की देखदेख में स्वर्ण मंडित करने का कार्य किया गया। गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित करने का कार्य स्वयं दानी दाता ने अपने स्तर से किया है। दानी दाता ने ज्वैलर्स से तांबे की प्लेटें तैयार कराई और फिर उन पर सोने की परतें चढ़ाई। सोना खरीदने से लेकर दीवारों पर जड़ने तक का कार्य दानीदाता की ओर से कराया गया।
दानी दाता में गर्भ गृह में लगाई गई स्वर्ण व तांबे की प्लेटों के आधिकारिक बिल व बाउचर बीकेटीसी को कार्य पूर्ण होने के पश्चात दे दिए गए थे। बीकेटीसी ने नियमानुसार इसे स्टॉक बुक में दर्ज किया गया है। दानी दाता ने बीकेटीसी से आयकर अधिनियम की धारा- 80 का प्रमाण पत्र नहीं मांगा। लेकिन कुछ लोग षडयंत्र रच कर केदारनाथ धाम की छवि को धूमिल की कोशिश कर रहे हैं।

क्या है मामला
केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में पिछले साल एक दानीदाता के सहयोग से सोने की परत जड़ित प्लेटे लगवाई गईं थी, जिसे लेकर विवाद हो गया है। केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों ने सोने की परत जड़ित प्लेटों पर सवाल खड़े किए हैं और आरोप लगाया है कि गर्भगृह में लगाया गया सोना, पीतल में बदल गया है। चारधाम महापंचायत के उपाध्यक्ष एवं केदारनाथ के वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित आचार्य संतोष त्रिवेदी का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में लगाया गया सोना, पीतल में बदल गया है।

तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने अधिकारी एवं मंदिर समिति को घेरते हुए कहा कि गर्भ गृह में सोने की परत लगाने के नाम पर सवा अरब रुपये का घोटाला किया गया। कहा कि बीकेटीसी, सरकार और प्रशासन में जो भी इस कार्य के लिए जिम्मेदार है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। उनका आरोप है कि बीकेटीसी ने सोना लगाने से पहले इसकी जांच क्यों नहीं कराई। जब लगातार तीर्थ पुरोहित सोना लगाने का विरोध करे रहे थे, बावजूद जबरन यह कार्य किया गया।

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