ए प्लस स्टूडियो के पांचवे वार्षिकोत्सव का आयोजन, संगीत से जुड़े 8 कलाकार हुए सम्मानित

February 26, 2024 | samvaad365

उत्तराखंडी गीत संगीत को समर्पित संस्था ए प्लस स्टूडियो ने अपना पांचवा वार्षिकोत्सव उत्तराखंडी गीत संगीत की रमझोल के साथ धूमधाम से मनाया। देहरादून के सर्वे चौक स्थित आईआरडीटी सभागार में उत्तराखंड के युवा प्रतिभावान कलाकारों ने रंगारंग गीत व नृत्य की प्रस्तुति दी। ए प्लस स्टूडियो के संस्थापक व उत्तराखण्ड के चर्चित संगीतकार रणजीत सिंह और उनकी टीम ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए।

लोकगायक गढ़रत्न नरेन्द्र सिंह नेगी, पद्मश्री प्रीतम भरतवाण और लोक गायिका मीना राणा की मौजूदगी में दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। नरेंद्र टोलिया अधीक्षण अभियंता, निरंजन शर्मा एसटी डिजिटल के प्रबंध निदेशक, उघोगपति प्रेम बिष्ट, नीरज पंत  भाजपा (युवा मोर्चा) के कोषाध्यक्ष, संजय कुमोला संगीत निर्देशक ने कलाकारों का उत्साह बढ़ाया और ओहो रेडियो के संस्थापक आरजे काव्य ने मंच संचालन किया।

सांस्कृतिक कार्यक्रम में राजीव चौहान के ब्रह्मकमल नृत्य दल ने थड्या चौफुला की प्रस्तुति दी और उसके बाद ए प्लस स्टूडियो ने उत्तराखंड संगीत से जुड़े हुए 8 कलाकारों को सम्मानित किया। जिसमें की जनकवि जनार्दन उप्रेती, गणेश खुगशाल वरिष्ठ पत्रकार व साहित्यकार,गायक दीवान सिंह कनवाल, मोती शाह संगीत निर्देशक, अनिल बिष्ट लोकगायक, ढोलक वादक महेश गंधर्व, सागर शर्मा, मोहित कुमार को शॉल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। ए प्लस स्टूडियो के संस्थापक व उत्तराखण्ड के चर्चित संगीतकार रणजीत सिंह ने कहा की हर साल इस कार्यक्रम को आयोजित करने का उद्देश्य उत्तराखंड के गीत और वाद्य यंत्र को विश्व तक लेकर जाना है। साथ ही उन्होंने कहा की पांच साल पहले के उत्तराखंडी गीतों में और आज के गीतों में बहुत बदलाव आए है।

उत्तराखंड के लोकगायक पद्मश्री प्रीतम भरतवाण और लोकगायिका मिना राणा ने अपना पुराना गीत सरुली मेरु जिया लगी गे गाया और सभी को अपनी आवाज से मंत्रमुग्ध कर दिया। वरिष्ठ पत्रकार व साहित्यकार गणेश खुगशाल ने कहा की ए प्लस स्टूडियो की ओर से आज एक बहुत महत्वपूर्ण बात कही गई है कि उत्तराखंड की संस्कृति के लिए काम कर रहे लोगों का संज्ञान लिया जा रहा है उनके कार्यों का मूल्यांकन किया जा रहा है जो कि अपने आप में एक अलग पहल है।

उत्तराखंड के लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी और प्रतीक्षा बमरारा ने भाबर ने जौंला गीतगाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। वही लोकगायक सौरभ मैठाणी, इंदर आर्य, राकेशखानवाल सहितअन्य कई गायकों ने अपनी प्रस्तुति से सभी का दिल जिता।

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