विधानसभा बैकडोर नियुक्ति मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के चिठ्ठी लिखने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी.
साथ ही विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल को छुट्टी पर भेजने के साथ ही उनका ऑफिस भी सील करवाया.
इस कमेटी ने आज से अपना काम करना शुरु कर दिया है, आज कमेटी की पहली बैठक हुई, बैठक में जांच के क्रियान्वयन और रणनीति पर चर्चा हुई.
विशेषज्ञ जांच समिति के अध्यक्ष दिलीप कोटिया का कहना है कि जांच के शुरुआती दौर में दस्तावेज संकलित किए जाएंगे.
उसके बाद धीरे-धीरे वह चरणबद्ध तरीके से जांच में आगे बढ़ेगी. इसके अलावा उन्होंने जांच को लेकर किसी भी तरह की बात को साझा करने से इंकार किया. उन्होंने कहा जांच को पूरी तरह से गोपनीयता के साथ पूरा किया जाएगा.
बता दें कि तीन 3 IAS अफसरों की टीम मामले की जांच कर रही है जिसमें IAS दीपक टोलिया (अध्यक्ष ), सुरेन्द्र सिंह रावत और अवनींद्र सिंह नयाल सदस्य हैं .
गौरतलब है कि विधानसभा में विभिन्न पदों की 72 नियुक्तियां भाई भतीजावाद के आधार पर करने के आरोप लग रहे हैं. जिनमें में मुख्यमंत्री के स्टाफ विनोद धामी, ओएसडी सत्यपाल रावत से लेकर पीआरओ नंदन बिष्ट तक की पत्नियां नौकरी पर लगवाई गई हैं.
इसके अलावा मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के PRO की पत्नी और रिश्तेदार को भी नौकरी दी गई है. मदन कौशिक के एक PRO आलोक शर्मा की पत्नी मीनाक्षी शर्मा ने विधानसभा में नौकरी पाई है तो दूसरे की पत्नी आसानी से विधानसभा में नौकरी लेने में कामयाब हो गई.
बिना किसी परीक्षा के पिक एंड चूज के आधार पर सतपाल महाराज के पीआरओ राजन रावत भी विधानसभा में नौकरी पर लग गए. इसके अलावा रेखा आर्य के PRO और भाजपा संगठन महामंत्री के करीबी गौरव गर्ग को भी विधानसभा में नौकरी मिली है.
इसके अलावा RSS के बड़े पदाधिकारियों के करीबी और रिश्तेदार भी विधानसभा में एडजस्ट किये गये हैं.
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के PRO आलोक शर्मा की पत्नी मीनाक्षी शर्मा को भी नियुक्ति दी गई.
इन पदों पर हुई भर्तियां:
अपर निजी सचिव समीक्षा, अधिकारी समीक्षा अधिकारी, लेखा सहायक समीक्षा अधिकारी, शोध एवं संदर्भ, व्यवस्थापक, लेखाकार सहायक लेखाकार, सहायक फोरमैन, सूचीकार, कंप्यूटर ऑपरेटर, कंप्यूटर सहायक, वाहन चालक, स्वागती, रक्षक पुरुष और महिला. इस तरह विधानसभा में जबरदस्त तरीके से भाई भतीजावाद करने पर भाजपा सरकार में ही मुख्यमंत्री रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मामले की जांच करवाने की मांग की है.