टिहरी। विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट)/जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने नाबालिग से छेड़छाड़ करने वाले अभियुक्त को 3 वर्ष के कठोर कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड जमा नहीं करने पर 2 माह की अतिरिक्त सजा जेल में भुगतनी होगी।
जनवरी 2021 में देवप्रयाग पुलिस थाने को पीड़ित पक्ष ने तहरीर देकर बताया कि उनकी नाबालिग लड़की 1 जनवरी 2021 की सुबह करीब छह बजे दूधिए को दूध देकर वापस अपने घर जा रही थी। इस दौरान गांव के दुकानदार पवन ने लड़की को अपनी दुकान पर बुलाया और उसका टिफिन घर ले जाने को कहा। आरोपी के यह कहने पर जब पीड़िता उसकी दुकान पर गई तो उसने पीड़िता को चाय पीने के बहाने बिठा दिया।
चाय पीने के बाद जब पीड़िता अपने घर जाने के लिए उठी तो आरोपी ने उसे गलत नीयत से पकड़ लिया। विरोध करने पर उसने नाबालिग से दुष्कर्म का प्रयास किया। नाबालिग किसी तरह पवन की गिरफ्त से छूटकर वहां से भाग गई। अपने घर पहुंच गई। किशोरी बहुत डर गई थी और उसने इसके बारे में किसी को नहीं बताया। कुछ दिन बाद जब किशोरी ने बदन दर्द बताया तो परिजनों के पूछने पर उसने एक जनवरी को उसके साथ हुई घटना की जानकारी दी।
उसके बाद देवप्रयाग पुलिस थाने में पीड़िता के पिता की ओर से तहरीर दी गई। पुलिस ने मामले की जांच कर 6 फरवरी को चार्जशीट दाखिल की। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो) महेंद्र सिंह बिष्ट ने कई गवाह और कागजी दस्तावेज प्रस्तुत कर अदालत से आरोपी को कड़ी सजा देने की अपील की। विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) व जिला एवं सत्र न्यायाधीश योगेश कुमार गुप्ता की अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पवन को दोष सिद्ध पाते हुए तीन साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है।