हिंदी फिल्म जगत को बेहतरीन संगीत से सदाहार बनाने वाले दिग्गज म्यूजिक कंपोजर मोहम्मद जहूर खय्याम का सोमवार रात निधन हो गया। खय्याम लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे। उन्हें 28 जुलाई को सीने के संक्रमण और निमोनिया की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह 92 साल के थे। मशूहर संगीतकार खय्याम ने अपने संगीत से हिन्दी सिनेमा के गीतों में जान डाल दी थी। उनका जन्म 18 फरवरी 1927 को पंजाब में हुआ था। खय्याम को संगीत का शौक बचपन से ही था। संगीत का शौक खय्याम को मुबंई खींच लाया था। खय्याम ने संगीत की शिक्षा बाबा चिश्ती से ली थी। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 1947 में की थी। उन्हें साल 1948 में फिल्म हीर रांझा का एक गाना मिला। इस फिल्म का गाना, ‘अकेले में वो घबराते तो होंगे’ बहुत मशूहर हुआ। इस गाने से खय्याम को एक अलग मुकाम हासिल हुआ। बहरहाल खय्याम के अंतिम विदाई देने के लिए फिल्म जगत के लोग उनके जुहू स्थित घर पहुंच रहे हें। संगीत की दुनिया के इस महान सितारे को संवाद365 नमन करता है।
संवाद365/काजल