रुद्रप्रयाग: रूद्रप्रयाग जिले के जखोली विकासखण्ड में पुजार गाँव के डोणी तोक के पांच परिवार मौत के साए में जीने को मजबूर हैं। वर्ष 2013 की आपदा में डोणी तोक के में भू-धंसाव हुआ था, जिस कारण यहां रहने वाले कुछ लोगों के घरों में दरारें पड़ गई। तब से लेकर आज तक पांच परिवार विस्थापन की मांग कर रहे हैं, लेकिन विस्थापन नहीं हो सका है. जबकि अर साल मकानों में दरारें पड़ती जा रही हैं। पीड़ित परिवारों ने पटवारी से लेकर एसडीएम, डीएम और मंत्रियों से पत्राचार किया लेकिन कोई सुध नहीं ली गई। पिछले वर्ष तत्कालीन जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने भी डोणी तोक का जायजा लिया और यहां कि स्थिति देखकर उन्हेंने इन परिवारों को तत्काल प्रभाव से विस्थापन करने के निर्देश दिए थे. लेकिन उसके बाद मामला फिर ठंडे बस्ते में चला गया।
इन परिवारों के पास अन्य कहीं शिफ्ट होने के लिए कोई साधन नहीं हैं। ये परिवार ध्याड़ी मजदूरी कर अपना भरण पोषण करते हैं। बरसात के वक्त वे रातों को सो नहीं पाते हैं। वहीं इस मामले पर डीएम कोई पुख्ता जवाब नहीं दे पाईं।
आपदाओं की दृष्टि से अतिसंवेदनशील रूद्रप्रयाग जनपद के 23 गांवों के 472 परिवार आज भी विस्थापन की बाट जोह रहे हैं। सबसे अधिक उखीमठ में 248 परिवार, जखोली में 192 परिवार और रूद्रप्रयाग में 32 परिवार सालों से विस्थापन की श्रेणी में तो हैं लेकिन विस्थापन नहीं हो सका है। ऐसे में ग्रामीणों का कहना है कि कोई भी अनहोनी होती है तो फिर इसका जिम्मेदार प्रशासन होगा।
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संवाद365/कुलदीप राणा