क्या है क्लाउड सीडिंग, जिसका कनेक्शन दुबई की बाढ़ से जोड़ा जा रहा है, क्या भारत में भी हुआ है कभी इस्तेमाल

April 18, 2024 | samvaad365

एक तरफ जहां दुनिया के कई देशों मेंं भयंकर गर्मी की वजह से हालत खराब है, तो वहीं संयुक्त अरब अमीरात (दुबई) में बारिश ने रिकॉर्ड तोड़े हुए है |दुबई के लोग बादल देखने  तक के लिए तरसते थे, उसी देश में बारिश से लोग आज परेशान हो  चुके हैं। दुबई में एक दिन में एक साल जितनी बारिश दर्ज की गई है।

दुबई में एकाएक हुई इस बारिश से हाहाकार मच गया। इसके कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं, जिसमें देखा जा सकता है कि बड़ी-बड़ी बिल्डिंग पानी में डूबी है और कारें पानी में तैर रही हैं। मंगलवार को दुबई में 142 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि यहां सालभर में औसतन 95 मिलीमीटर बारिश ही हो पाती है।

 

क्या है क्लाउड सीडिंग?

क्लाउड सीडिंग एक आर्टिफिशियल बारिश कराने का एक तरीका है। इसमें सिल्वर आयोडाइड या ड्राई आइस को हवाई जहाज की मदद से बादलों पर छोड़ा जाता है। इसमें छोटे कणों को बादलों के बहाव के साथ छिड़क दिया जाता है। ये कण हवा से नमी को सोखते हैं और इसके बाद वो कंडेंस होकर इसके द्रव्यमान को बढ़ा देते हैं। इसके बाद बादलों से बारिश की मोटी बूंदे बनती हैं और बरसने लगती हैं।

क्लाउड सीडिंग की शुरुआत ऑस्ट्रेलिया के बाथुर्स्ट स्थित जनरल इलेक्ट्रिक लैब में फरवरी 1947 में हुआ था। यहीं इसका प्रदर्शन किया गया। इसके बाद कई देशों ने इसका इस्तेमाल किया।

 

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