हल्द्वानी में तैयार Aipan Jute Bag की अमेरिका और कनाडा में मांग,सबको भा रहे डबैग-लैपटॉप और आफिस बैग

April 21, 2024 | samvaad365

हुनर होना चाहिए। कामयाबी चलकर आती है। हल्द्वानी की महिलाओं को देखिए। जूट के बैग बनाने की शुरुआत की, आत्मनिर्भरता के रास्ते पर कदम बढ़ाया तो आज यह हुनर अमेरिका, दुबई व कनाडा तक डंका बजा रहा है। महिलाओं को इस वर्ष विदेश से 15 बैग के आर्डर मिले हैं। उत्तराखंड में हुए जी-20 सम्मेलन में विदेश से आए अतिथियों को जूट बैग गिफ्ट के तौर पर दिए गए थे और इसे विदेशी मेहमानों ने काफी सराहा है।

रचिता स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं के इस हुनर ने न सिर्फ आत्मनिर्भरता की उड़ान भरी है, बल्कि आमदनी भी मजबूत की है।  कुमाऊं में पांच हजार से भी अधिक महिलाओं के समूह विभिन्न प्रकार के हस्तशिल्प उत्पाद तैयार कर रहे हैं। कोई समूह ऐपण को कपड़ों में उकेर रहा है तो किसी ने पर्वतीय उत्पादों को बड़े फलक तक पहुंचाया है।

20 महिलाओं को रोजगार से जोड़ा

रचिता स्वयं सहायता समूह भी इन्हीं में से एक है। इस समूह की महिलाओं की ओर से तैयार किए जूट के हैंडबैग काफी पसंद किए जा रहे हैं। अलग-अलग तरह से बैग की सिलाई, कढ़ाई के साथ ही महिलाएं उन्हें ऐपण कला का लुक दे रही हैं।

समूह की अध्यक्ष रुचि नैनवाल ने 20 महिलाओं को इस स्वरोजगार से जोड़ा है। ये महिलाएं अब आत्मनिर्भर बनकर अन्य महिलाओं को भी प्रेरित कर रही हैं। जूट से पर्स, हैंड बैग, वाटर बोतल बैग, लैपटॉप, आफिस बैग, कैरी बैग बनाए जाते हैं। इनकी कीमत 50 से लेकर 500 रुपये तक है।

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