सहस्त्रधारा रोड में पेड़ काटे जाने का विरोध, सड़क चौड़ीकरण के नाम पर काटे जा रहे कई सौ पेड़

June 15, 2022 | samvaad365

सहस्त्रधारा रोड में चौड़ीकरण के कारण लगभग 22 सौ पेड़ काटे जाने का सामाजिक संस्थाओं और पर्यावरण प्रेमियों ने विरोध किया है।

पेड़ काटने का विरोध करने वाले लोगों ने कहा कि अब विकास के नाम पर पेड़ काटे जाना मंजूर नहीं है। सभी लोगों ने मिलकर अपील की है कि राजधानी देहरादून में पेड़ बचाने होंगे। सिटीजन फॉर ग्रीन दून के सचिव हिमांशु अरोड़ा ने कहा कि स्मार्ट सिटी के साथ ही ग्रीन दून पर भी फोकस किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि पर्यटक हरियाली देखने की आस में हिल स्टेशन आते हैं और अगर हरियाली नहीं होती तो पर्यटक हिल स्टेशन क्यों आएंगे। उन्होंने बताया कि देहरादून में दिन-प्रतिदिन तापमान में इजाफा होता जा रहा है जिससे भीषण गर्मी का प्रकोप देखने को मिल रहा है। ऐसे में इकनॉमी का आधार पर्यटन पर ही आधारित है, यदि चौड़ीकरण के नाम पर हरे पेड़ काटे जाएंगे तो इसके नतीजे अच्छे नहीं होंगे और हमें ऐसे डेवलपमेंट मॉडल लाने होंगे जिससे हरियाली बची रहे और विकास भी हो।

वही पर्यावरण प्रेमी निलेश का कहना है कि देहरादून में अभी सड़क चौड़ीकरण के लिए सामान्य नहीं बल्कि दुर्लभ पेड़ों को भी काटा गया लेकिन ट्रैफिक समस्या जस की तस बनी हुई है, और ट्रैफिक की समस्या और विकराल हुई है। उन्होंने कहा कि सहस्त्रधारा रोड पर पेड़ों पर आरी चलाने के बजाय बिजली के खंभों और अतिक्रमण को हटाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह प्रपोजल केंद्र सरकार की नेशनल अर्बन ट्रांसपोर्ट पॉलिसी और स्मार्ट सिटी के तहत गाइडलाइन को फॉलो नहीं करता है। निलेश ने कहा कि यह ठीक नहीं है कि सारे पेड़ काट दो और सड़क चौड़ीकरण कर दो।

इधर समाजसेवी व पर्यावरण प्रेमी इरा चौहान ने कहा कि जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण रोकने और पक्षियों को बचाने के लिए भी पेड़ों को बचाने की जरूरत है उन्होंने कहा कि सहस्त्रधारा रोड पर कई यूकेलिप्टस के पेड़ हैं, लेकिन यह कहा जा रहा है कि इन पेड़ों का कोई लाभ नहीं है जबकि एक रिसर्च के मुताबिक यूकेलिप्टस की जड़ें डेढ़ से दो

मीटर गहरी होती हैं, और वह सिर्फ बारिश का पानी सोखतीं हैं। यह कहना बिल्कुल गलत है कि यूकेलिप्टस का पेड़ जमीन का पानी सोख लेता है। उन्होंने बताया कि एक एक्सपेरिमेंट के तहत हमने इंफ्रारेड थर्मामीटर से सड़क का तापमान आँका तो 50 डिग्री निकला, उसी वक्त पेड़ के नीचे जाकर मिट्टी में इंफ्रारेड थर्मोमीटर से चेक किया गया तो तापमान 30 डिग्री पाया। उन्होंने बताया कि पेड़ काटे जाने से सहस्त्रधारा रोड में दिखाई दे रहे दुर्लभ पक्षियों को भी पेड़ कटने का खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

संवाद 365, संदीप रावत

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