हरिद्वार: जनता कर्फ्यू के बाद की सुबह उत्तराखंड के लिए काफी महत्वपूर्ण थी। जनता कर्फ्यू का पालन लोगों ने जिस तरह से किया उसी को देखते हुए सरकार ने प्रदेश को 31 मार्च तक लाॅकडाउन करने का फैसला लिया था। लेकिन लाॅकडाउन के पहले दिन सड़कों पर लोग पुलिस और प्रशासन की मुश्किलों को बढ़ाते नजर आए। लाॅकडाउन का आलम ये रहा कि सड़कों पर गाड़ियों की आवाजाही काफी ज्यादा हो गई। आवश्यक दुकानों को खोलने के बाद लोग सामान लेने भी घरों से बाहर निकले लेकिन इसके अलावा भी कई लोग बेवजह घरों से बाहर निकले।
जनता करफ्यू के शहर के केंद्र बिंदु घंटाघर की तस्वीरें हमने आपको दिखाई थी। लेकिन लाॅकडाउन के दिन घंटाघर पर गाड़ियां इतनी ज्यादा बढ़ गई कि खुद अधिकारियों को कमान संभालनी पड़ी। बैरिकेटिंग लगाकर गाड़ियों को रोका गया साथ ही कई गाड़ियों का चालान काटा गया और जरूरत पड़ने पर उन्हें सीज भी किया गया। 31 मार्च तक रेल सेवा को भी बंद किया गया है। रेलवे स्टेशन को भी पूरी तरह से सीज कर दिया गया।
रेल सेवा बंद होने से देहरादून से बाहर जाने वाले लोगों की भी मुश्किलें बढ़ गई स्टेशन पर भारी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए उनका कहना है कि उनके लिए रहने खाने की व्यवस्था नहीं हो पा रही है. वहीं रेलवे स्टेशन पर खड़े इन लोगों की समस्या जब हमने देहरादून के डीएम को बताई तो उन्होंने कहा कि इन लोगों के लिए भी व्यवस्था की जा रही जिले के हिसाब से लोगों को जिला मुख्यालय पर पहुंचाया जाएगा। कोरोना वायरस से निपटने के लिए लगाए गए लाॅकडाउन में पुलिस अपना काम कर रही है लेकिन कई लोग एक साथ बाहर निकल रहे हैं जिससे पुलिसकर्मियों को भी चुनौति का सामना करना पड़ रहा है। देहरादून के डीएम का कहना है कि पहले दिन लोगों को समझने और समझाने में थोड़ी समस्या हो रही है। कुछ सेवाओं के कार्यालय खुले हैं जिस वजह से ट्रैफिक बढ़ा है।
यह खबर भी पढ़ें-टिहरी: बाहर से आए लोगों का किया गया स्वास्थ्य परीक्षण…
यह खबर भी पढ़ें-हरिद्वार: अस्पताल में 70 आइसोलेशन बेड मौजूद… 100 नए बेड बनाने की तैयारी
संवाद365/नरेश तोमर