पौड़ी: पौड़ी के एक दिव्यांग और गरीब परिवार के दो भाई और एक बहन आज संघर्षो से जूझकर कला और संस्कृति के क्षेत्र में अपने हुनर की एक नजीर पेश कर रहे हैं. दिव्यांग होने के बाद भी किस्मत को मात देता ये दिव्यांग और गरीब परिवार पौड़ी जनपद के कोटमण्डल गांव का रहने वाला है. बचपन में ही दो भाई और एक बहन किसी कारण दृष्टिहीन हो गए. लेकिन आज ये संगीत के क्षेत्र में अपने हुनर का लोहा मनवा रहे हैं. दिव्यांग निर्मल बांसुरी और हारमोनियम बजाने में माहिर हैं. तो वहीं बहन की सुरीली आवाज मन छू जाती है जबकि एक और दष्टिहीन भाई इन्ही गीतों में ताल देता है. इन दिव्यांग भाई बहनो को समाज कल्याण विभाग से 1000 रूपये प्रति व्यक्ति के तौर पर पेंशन मिलती है. लेकिन इससे इनका भरण पोषण होना सम्भव नहीं इसलिए परिवार आज भी संघर्षो से आगे बढ़ने के लिए जी तोड़ प्रयास कर रहा है. गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत के संज्ञान में दिव्यांगों के संघर्ष को बयां किया गया तो गढ़वाल सांसद ने बताया की वे इस गांव का दौरा कर चुके है और दिव्यांगों के हुनर से भी अच्छी तरह से वाकिफ हैं सांसद ने बताया की इनकी शिक्षा के साथ ही इन्हें रोजगार देने के लिए वे प्रयास करेंगे साथ ही प्रदेश सरकार का ध्यान भी इस परिवार की ओर लाएंगे.
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संवाद365/भगवान रावत