राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आज 71वीं पुण्यतिथि है इस अवसर दिल्ली स्थित राजघाट पहुंचकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम मोदी के साथ ही रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू भी वहां मौजूद रहे। पीएम मोदी से पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राजघाट पर गांधी को श्रद्धांजलि दी।
कैसे और कब हुई थी महात्मा गांधी की हत्या
महात्मा गांधी जब प्रार्थना सभा स्थल पहुंचे, तब वक्त था 5 बजकर 16 मिनट। हालांकि यह कहा जाता है कि 5:17 बजे उन पर गोली चली। जब पहली गोली चली तो सबको लगा कि कोई पटाखा चला है। तब ही दूसरी गोली चली। इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता तीसरी गोली भी चली।
खून से लथपथ बापू को बिड़ला हाउस के भीतर लोग लेकर जाते हैं। बापू को गोली लगने के दस मिनट के भीतर डॉ. डी.पी. भार्गव भी वहां आ जाते हैं। वह बापू को मृत घोषित कर देते हैं।
बापू के हत्यारे नाथूराम गोडसे को बिड़ला हाउस में प्रार्थना सभा में आए लोगों ने पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था। उसे तुलगक रोड के इंस्पेक्टर दसौंधा सिंह और संसद मार्ग थाने के डीएसपी जसवंत सिंह तुगलक रोड थाने में ले गए थे। शाम साढ़े छह बजे जब गांधीजी की हत्या का एफआईआर लिखा जा रहा था।
थाने के एएसआई डालू राम कनॉट प्लेस में एम-56 में रहने वाले नंदलाल मेहता से पूछकर एफआईआर लिख रहे थे। यह प्रक्रिया जब पूरी हो रही थी, तब बापू के सबसे छोटे पुत्र देवदास गांधी तुगलक रोड थाने में आते हैं। वह वहां मौजूद पुलिस अफसरों से आग्रह करते हैं कि उन्हें गोडसे से मिलवा दिया जाए। पर उन्हें यह इजाजत नहीं मिली थी।
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संवाद 365/संध्या सेमवाल