बदरंग बन गया ममणी उरोली मोटरमार्ग
मोटरमार्ग का बदला गया समरेखण
मोटरमार्ग निर्माण में काटे गए कई पेड़
रूद्रप्रयाग: जो गाँव और क्षेत्र वर्षों से सड़क का इंतजार कर रहा हों और वहां लम्बे संघर्षों के बाद अगर सड़क पहुंची लेकिन सड़क लोगों को लाभ देने की बजाय उनकी जिंदगी को दांव पर लगा दे तो क्या कहा जाएग.
ऐसा ही कुछ हाल है जखोली विकासखण्ड के गोर्ती ममणी उरोली 5.075 किमी मोटर मार्ग का. 296.75 लाख की लागत से निर्मित प्रथम चरण के इस सड़क निर्माण में लोनिवि पीएमजीएसवाई रूद्रप्रयाग के इंजीनियरों और ठेकेदारों ने मोटरमार्ग को ऐसा बदरंग बनाया हुआ है. अगर भविष्य में यह बनकर तैयार होता है तो यह कहना गलत नहीं होगा कि यह मोटर मार्ग ना जाने कितनी जिंदगियों को असमय ही निगल लेगा. ठेकेदारों और उनके चहेतों को लाभ देने के एवज में इस मोटर मार्ग को स्वीकृत एलाईमेंट से बदलकर ऐसा बेतरतीब घुमाया गया मानो यह मार्ग कभी आकाश लोक के लिए जाता हो तो कभी पाताल लोक के लिए.
वहीं मोटर मार्ग के निर्माण में बिना अनुमति के सैकड़ों बाँज बुरांश के पेड़ों को भी काटा गया है. जबकि व्यापक पैमाने पर जंगल को क्षति पहुँची हुई है. ऐसे में लोनिवि पीएमजीएसवाई रूद्रप्रयाग के साथ साथ वन विभाग की कार्य प्रणाली भी सवालों के घेरे में आती है कि आखिर स्वीकृति एलाईमेंट से हटकर जब मोटरमार्ग का निर्माण किया जा रहा था तो फिर वन विभाग कहा सोया हुआ है. जबकि तस्वीरों में आप साफ तौर पर देख सकते हैं कि आज भी कई हरें पेड़ इस मोटर मार्ग पर कटे हुए हैं.
बताया जा रहा है कि जब इस मोटर मार्ग का समरेखण बदला जा रहा था तो कई ग्रामीणों द्वारा इसका विरोध किया गया था उस दौरान विभाग और ठेकेदारों द्वारा कानूनी रूप से भोले भाले ग्रामीणों को डराया और धमकाया गया जिस कारण ग्रामीण आज भी आवाज उठाने से डरते हैं। जबकि फेज 1 के पूरे पैसे खर्च होने के बाद दूसरे चरण कार्य भी आरम्भ हो चुका है। ऐसे में ग्रामीण आज भी ये सोच रहे हैं कि आखिर यह सड़क उनकी सुविधा के लिए बनाई जा रही है या फिर उनकी जिंदगी को दांव पर लगाया जा रहा है.
ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित योजना के तहत बनाए जा रही गोर्ती ममणी-उरोली मोटर मार्ग की पूर्ण लम्बाई 5.075 किमी है और ये 296.75 लाख की लागत से बनी है.
देखिए हमारे संवाददाता कुलदीप राणा आजाद की ग्रााउंड रिपोर्ट-
(संवाद365/कुलदीप राणा आजाद)
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