सावधान…! दून शहर पर खतरा, खतरनाक हो चुकी हैं गिरासू इमारतें

June 28, 2019 | samvaad365

देहरादून: प्रदेश में मानसून की दस्तक के बाद अब देहरादून शहर पर एक खतरा भी है। भले ही इस खतरे को आप कई बार नजरअंदाज कर चुके हों लेनिक इस पर ध्यान देना चाहिए, न सिर्फ आपको बल्कि सरकार को भी और नगर निगम को भी।  ये खतरा है यहां के गिरासू भवन। देहरादून में कई इमारतें ऐसी हैं जो कि काफी ज्यादा पुरानी हो चुकी हैं, और खस्ताहाल हैं,  ये वो इमारतें होती हैं….. जो कि कभी भी गिर सकती हैं, और इन इमारातों को गिरासू भवन कहा जाता है।

ये कितने खतरनाक हो सकते हैं।  भूकंप के लिहाज से भी देहरादून संवेदनशील है।  मानसून में भी कई बार ये खतरा बढ़ जाता है।  ऐसी स्थिति में ये इमारतें ताश के पत्तों की तरह बिखर सकती हैं। लगभग 100 साल पुरानी ये इमारते देहरादून में कई जिन्दगियों के लिए आफत बन सकती हैं। राजपुर रोड में मंसाराम बिल्डिंग जो कि किसी जमाने में शहर की सबसे ऊंची बिल्डिंग मानी जाती थी।  यह बिल्डिंग खंडहर का रूप ले चुकी है।  बिल्डिंग की हालत खासी खराब है। वहीं चकराता रोड चौड़ीकरण के बाद से यहां पर कई भवन गिरासू का रूप ले चुके हैं।  ऐसे ही एलआईसी बिल्डिंग भी है।  यह बिल्डिंग गिरासू की सूची में है। तमाम परिवार इस बिल्डिंग में रहते है। आपको हम ये भी जानकारी दे दें कि राजधानी दून में गिरासू भवनों को गिराए जाने की प्रक्रिया काफी लम्बे समय से अटकी रही है और नगर निगम ही इस पर कार्यवाही करने के लिए बाध्य है, लेकिन हर साल बरसात के समय ही ऐसे भवनों को गिराने की जद्दोजहद तो की जाती है मगर निगम इस मामले को प्रशासन पर डाल देता है। कई भवनों को चिन्हित भी किया जाता है, लेकिन उन भवनों पर विवाद शुरू हो जाता है।  इस लिए ये मामला कई बार अटक जाता है।

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संवाद365/किशोर रावत  

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