INSPIRING: 26 घंटे में देहरादन से चंडीगढ़ तक दौड़ कर मनाया नया साल, बताया क्यों और कैसे पूरा किया सफर

January 6, 2022 | samvaad365

नया साल मानाने का सबका अपना-अपना तरीका है, कोई दोस्तों के साथ पार्टी करता है तो कोई घर वालों के साथ मनाता है, लेकिन सारमंग एडवेंचर टूर्स के अल्ट्रा रनर्स अनुराग सैनी और अजय यादव ने देहरादून से चंडीगढ़ तक दौड़ कर नया साल मनाया. दोनों ने कड़ाके की ठण्ड में मात्र 26 घंटे में 160 किलोमीटर की दूरी दौड़ कर तय की.

05 January 2022, सारमंग एडवेंचर टूर्स द्वारा आयोजित एक सम्मान समारोह में दोनों अल्ट्रा रनर्स की इस उपलब्धि पर सारमंग एडवेंचर टूर्स के संस्थापक अनिल मोहन ने अनुराग सैनी और अजय यादव को बधाई दी और कहा की पिछले एक साल में देहरादनू में फिटनेस एक्टिविटीज खासकर रनिंग काफी ट्रेंड में आ गया है. अब वो दिन दूर नहीं जब देहरादून से विश्व स्तरीय मैराथन रनर्स और अल्ट्रा रनर्स निकलेंगे.

1 जनवरी को अनरुाग सैनी और अजय यादव ने नए साल को अलग तरीके से मनाने के लिए देहरादनू से पंचकुला (चंडीगढ़) तक 160 किलोमीटर की दूरी तय की. उन्होंने अपना सफर 1 जनवरी शाम 5 बजे बल्लुपुर चौक से शुरू किया. जिसके बाद दोनों ने लगभग ढाई घंटे में सेलाकुई तक का सफर तय किया. और फिर पानी पीने और आराम के बाद फिर दौड़ शुरु की. दोनों के साथ क्रू मेम्बर्स के तौर पर अजय यादव के बेटे विकास यादव और उनके दोस्त नमन शामिल थे जिन्होंने पूरी दौड़ के दौरान दोनों का मनोबल बढ़ाते हुए उनका पूरा साथ दिया.

दौड़ के दौरान रात में काफी अंधेरा था और जंगली जानवरों का भी डर था. दोनों ने रात 9.30 बजे जन हर्बटपुर पहुंचने पर एक ढाबे पर रात का भोजन किया और फिर आगे की दौड़ शुरु की . देर रात दोनों लघभर 12 बजे पौंटा साहिब पहुंचे. तापमान 10 डिग्री के नीचे पहुंच चुका था. सुबह ६ बजे तक नहान से थोड़ पहले रुक कर चाय नास्ता किया. शाम के लगभग 7.30 बजे दोनों ने अपनी दौड़ पंचकूला में ख़तम की जिसमें 26 घंटे से भी ज़्यादा का समय लगा.

अजय यादव जो की एक बिज़नेसमेन हैं और रेफ्रिजरेशन मेंटेनेंस का काम करते हैं वो चार बार इससे पहले 100 किलोमीटर की दूरी तय कर चुके थे और रोज़ाना २५ किमी. दौड़ते हैं और अनुराग सैनी जो एक बैकर हैं और स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया में कार्यरत हैं वह भी यह दूरी इतनी ही बार तय कर चुके थे और वह भी 24-20 कि लोमीटर रोज़ाना दौड़ते हैं और उनके नाम 200 हाफ मरैाथन 236 दिन में तय करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है.

दोनों कहते हैं की स्वामी विवेकानदं जी की इस बात को मानते हुए की “उठो जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो” इस असंभव से दिखने वाले लक्ष्य को अपनी मनो शक्ति से हासिल कर लिया. ऐसा करने के पीछे दोनों का समाज को एक सन्देश है. की नववर्ष पर आप जो भी लक्ष्य निर्धारित करते हैं उसके लिए पहले दिन से ही पूरी ताकत से उसको हासिल करने के लिए जुट जाएं क्योंकि ऐसा कोई भी कार्य नहीं हैं जो एक बार आप सोच लें तो उसको करना पाए और इसके लिए मनो शक्ति का होना बहुत ज़रूरी हैं जो योग दौड़ या खेल से अर्जित करी जा सकती हैं इसलिए अपने व्यस्त जीवन से कुछ समय निकाल कर अपनी सेहत को ज़रूर दें इससे आपका जीवन बेहतर होगा.

(संवाद365/विकेश शाह)

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