यदि आप ट्रैकिंग के शौकीनों में से एक है और उत्तराखंड में ट्रैकिंग करना चाह रहे हैं तो आपको पहले ट्रैक रूट के थाने से मंजूरी लेनी होगी। उन्हें अपना पूरा ब्योरा और ट्रैक का प्लान बताना होगा। साथ ही साथ ले जाने वाले सामान की भी जांच होगी। आपातकाल के लिए दवाएं और खाने के पैकेट भी मुहैया कराए जा सकते हैं। साथ ही उन्हें उसी वक्त पूरे ट्रैक की जानकारी दी जाएगी। ऐसी व्यवस्था बनाने के लिए पुलिस शासन को प्रस्ताव भेजेगी और इसकी एसओपी जल्द तैयार की जाएगी। पुलिस मुख्यालय में तैयार की जा रही एसओपी में ट्रैकर्स को स्थानीय थाने को सूचना देने के साथ ही इन क्षेत्रों में संपर्क बढ़ाने के लिए सेटेलाइट फोन की व्यवस्था भी की जाएगी। इससे उनके मूवमेंट को ट्रैक किया जा सकेगा। एक तय अंतराल के बाद उनकी लोकेशन पता की जाएगी जिससे अनहोनी की स्थिति में उन्हें ढूंढने में अधिक वक्त नहीं लगे।
संवाद365,डेस्क
यह भी पढ़ें–खुशखबरी : काठगोदाम रेलवे स्टेशन को मिला स्वच्छता के लिए बेस्ट आवार्ड