उत्तराखंड के चंपावत में ठंड से बचने के लिए जलाई अंगीठी ने माँ-बेटे की जान ले ली। जी हां नगर से पांच किलोमीटर दूर मुड़ियानी गांव में अंगीठी में जल रहे कोयलों की गैस लगने से बेटे की मौत हो गई। इस सदमे में बुजुर्ग मां ने भी दम तोड़ दिया। मंगलवार को मां-बेटे दोनों की अर्थियां एक साथ उठीं। ताड़केश्वर घाट में दोनों का अंतिम संस्कार किया गया।
मुड़ियानी गांव के काश्तकार विक्रम सिंह बोहरा (60) पुत्र स्वर्गीय राम सिंह ने रविवार की रात ठंड से बचने के लिए अंगीठी जलाई थी। सोने से पहले वह कोयलों को बुझाना भूल गए। उनकी पत्नी और मां दूसरे कमरे में सोए थे।
सोमवार सुबह परिवार के लोग विक्रम सिंह को चाय देने गए तो वह बिस्तर पर मृत मिले। मृतक का एक बेटा ललित सिंह मणिपुर में फौज में हैं, जबकि दूसरा बेटा कमल सिंह हरिद्वार में प्राइवेट नौकरी करता है।
दोनों बेटों के बाहर होने की वजह से सोमवार को मां-बेटे का अंतिम संस्कार नहीं किया गया। विक्रम सिंह की मौत के बारे में उनकी मां को नहीं बताया गया था लेकिन सोमवार शाम बीमार मां पार्वती देवी (80) को भी बेटे की मौत की भनक लगी तो सदमे में उसने भी दम तोड़ दिया। परिवार में दो लोगों की मौत से कोहराम मच गया। सोमवार शाम विक्रम सिंह के दोनों बेटे घर पहुंच गए और मंगलवार को ताड़केश्वर घाट में मां-बेटे का अंतिम संस्कार किया गया।
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संवाद 365\संध्या सेमवाल