सावधान…! सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाले ये पढ़ें…

June 29, 2019 | samvaad365

देहरादून: आज का युग सोशल मीडिया का युग है। इस दौरा में बड़ी ही तेजी के साथ आप और हम सोशल साइटस का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन जितनी तेजी के साथ इस्तेमाल किया जा रहा है। ये समाज के लिए एक खतरा भी बना हुआ है। सोशल मीडिया का इस्तेमाल आप लोगों से जुड़ने के लिए या फिर खुद को देश दुनिया की तमाम जानकारियों के साथ अपडेट रखने के लिए करते हैं। उदाहरण ले लीजिए जिस वक्त आप मुझे सुन रहे हैं उस वक्त आपकी जानकारी भी बढ़ रही है, लेकिन जरा सोचिए कि आप जिस जानकारी को सुन रहे हों वो फेक हो तो आप क्या करेंगे। दरअसल सोशल मीडिया पर आज के दौर में ये चलन काफी ज्यादा हावी होता जा रहा है। सोशल मीडिया पर फेक न्यूज ज्यादातर शेयर की जा रही हैं। जो आपकी जानकारी को तो खराब कर ही रहा है साथ ही इससे कई बार सामाजिक सौहार्द भी बिगड़ जाता है। देहरादून की पुलिस लाइन में  फेक न्यूज की रोकथाम के लिए डिजिटल इम्पावरमेंट फाउंडेशन नई दिल्ली के तत्वाधान से एक कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें वतर्मान समय में सोशल मीडिया वाटसअप्प के माध्यम से, प्रचारित होने वाली फेक न्यूज, अफवाह, साम्प्रदायिक मैसेजों की रोकथाम के लिए पुलिस कर्मचारियों को जानकारी दी गई।

आप क्या करें क्या न करें वो भी जान लीजिए 

फ़ोटो और वीडियो पर जल्द ही यकीन न करें। फ़ोटो ऑडियो और वीडियो आपको बहकाने के लिए भी भेजे जाते हैं। उनमें दिखाया गया घटनाक्रम हमेशा सच नहीं होता। अगर खबर सच्ची होगी तो अवश्य ही किसी न्यूज़ चैनल। अखबारों या रेडियो पर भी दिखाई या सुनाई जाएगी। इसलिए खबर की सच्चाई का पता लगाएँ। जब कोई खबर कई जगह छपती है तो उसके सच होने की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं। इसलिए किसी भी खबर को पुख्ता किए बगैर उसको शेयर न करें।

थोडे अलग दिखने वाले संदेशों से सावधान रहें। आपको मिलने वाले संदेशों या वेबसाइट्स के लिंक में अगर गलत स्पैलिंग होती है तो उनमें शामिल खबर झूठी होती है। इन संकेतों को देखें ताकि आप पता लगा सकें कि जानकारी सही है या नहीं। किसी भी बात पर जल्द विश्वास न करें। किसी भी जानकारी को शेयर करने से पहले फैक्ट्स की अच्छे से जाँच कर लें। वे बातें जिन पर यकीन करना थोड़ा मुश्किल होता है। वे अक्सर झूठी होती हैं।

अफ़वाहें जल्दी फैलती हैं। ऐसा ज़रूरी नहीं है कि अगर संदेश कई बार शेयर किया जाए तो वह सच हो। कई बार अफ़वाहें ज़्यादा फ़ैलती हैं। सिर्फ़ इसलिए संदेश फ़ॉरवर्ड न करें क्योंकि संदेश भेजने वाला आपसे संदेश को शेयर करने के लिए बार-बार कह रहा है। सोच-समझकर संदेश को फ़ॉरवर्ड करें।

खबर के सच होने का पता लगाएँ. अगर आपको यकीन न हो कि संदेश में मौजूद जानकारी सच है या झूठ, तो ऐसे में तथ्यों की जाँच करें और न्यूज़ पर खबर के सच होने की जाँच करें। अगर आपको फिर भी यकीन न हो कि संदेश में मौजूद जानकारी सच है या झूठ, तो ऐसे में उन लोगों से पता करें जिन पर आपको भरोसा है।

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अफ़वाहों को फैलने से रोकें। अगर आपको किसी ने ऐसा संदेश भेजा है जो आपको लगे कि सच नहीं है। तो जिसने आपको वह संदेश भेजा है उससे संदेश के सच होने का प्रमाण माँगें और अगर वह आपको संदेश के सच होने का प्रमाण न दे सकें तो उन्हें ऐसे संदेश भेजने से मना करें। अगर कोई ग्रुप में या कोई व्यक्ति बार.बार अफ़वाहें या झूठी खबरें भेजता है। तो उसकी रिपोर्ट करें।

इस कार्यशाला में ये सब बातें बताई गई और ये बातें हमने आपको भी बताई हैं, ताकि आप भी सोशल मीडिया का इस्तेमाल सही तरीके से कर सकें और फेक न्यूज से बच सके। एसएसपी देहरादून ने जनता से भी अपील की है कि अगर आपको कोई संदिग्ध फोटो वीडियो या संदेश मिलता है। तो आप उसका सत्यापन करवा सकते हैं। उसके लिए नंबर भी दिए गए हैं। अल्ट न्यूज नाम की एक संस्था है जो कि फैक्ट चेक कर आपके लिए सही गलत का अंतर बताती है।

ये है नंबर

आप 09825255790 पर सत्यापन करवा सकते हैं….. इसके अलावा एक और नंबर है जो कि बूम लाइव का है वो है 07700906111

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संवाद365/किशोर रावत

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