रुद्रप्रयाग: उत्तराखण्ड के पहाड़ी गाँवों में पिछले कई सालों से लोग लगातार पलायन कर रहे हैं. ऐसा नहीं है कि पहाड़ की मिट्टी में उत्पादकता क्षमता कम हो गई है बल्कि उत्तराखण्ड के पहाड़ी हिस्सों में फलोद्यान, कृषि बागवानी के लिए मौसम और जमीन दोनों ही मुफीद हैं. एक प्रयास उत्तराखण्ड सरकार और रिलायंश फाउण्डेशन द्वारा रूद्रप्रयाग के दूरस्थ टिहरी की सीमा से जुड़ा क्षेत्र चिरबटिया में किया है. पहले बात कर लेते हैं लुठियाग गांव की जो आज वास्तव में एक मॉडल गांव के रूप में विकसित हो गया है. यहां के ग्रामीण पिछले 4 दशक से पेयजल की गम्भीर समस्या से जूझ रहे थे साथ ही जंगली जानवर ग्रामीणों की फसलों को पूरी तरह चैपट कर दे रहे थे. 50 परिवारों ने पलायान भी कर दिया था. किन्तु उत्तराखण्ड सरकार और रिंलायंश फाउण्डेश की जुगबंदी ने ग्रामीणों को सही दिशा देने व ग्रामीणों की समस्याओं को ग्रामीणों के साथ मिलकर हल करने का बीड़ा उठाया तो मानों फाउण्डेशन की यह पहल चिरबटिया लुठियाग के लिए वरदान साबित हुई है.
भौगोलिक दृष्टि से आज भी यह गांव आधा टिहरी जनपद में आता है तो दूसरा हिस्सा रुद्रप्रयाग जनपद में. हालांकि प्राशसनिक कार्य सभी रुद्रप्रयाग जनपद में ही पूरे होते हैं ग्रामीणों की समस्या सुलझाने के लिए साल 2014 में रिलायंश फाउण्डेशन ने ग्रामीणों को एकत्रित कर एक समिति बनाई जिसका नाम राजराजेश्वरी कृषक समिति रखा गया. समय.समय पर ग्रामीणों से राय-मसवरा कर चिरबटिया से चार किमी ऊपर जंगल में प्राकृति पानी के स्रोत के जिर्णोद्धार करने का बीड़ा उठाया गया और गांव में ग्रामीणों ने श्रमदान कर चाल-खाल समेत पानी के टैंकों का निर्माण किया. चिरबटिया लुठियाग के ग्रामीणों की दृढ़ इच्छा शक्ति और हिम्मत की बदौलत गांव से चार किमी0 दूर ऊपर जंगल में 11 हजार लाख लीटर की क्षमता वाली झील का भी निर्माण किया गया पूरे गांव को भरपूर पानी मिलने लगा. पिछले सप्ताह देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी मन की बात में लुठियाग के ग्रामीणों की कर्मठता का जिक्र किया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने गढ़वाल की उन महिलाओं के बारे में भी पढ़ा हैं जिन्होंने हाड़तोड़ मेहनत कर घने जंगल में पानी को रिस्टोर किया है. आज पानी की समस्या से छुटकारा पाया है.
दूसरी तरफ रिलांश फाउण्डेशन द्वारा चिरबटिया के दर्जनों गाँवों के लोगों को नगदी फसलों के उत्पादन करने के लिए प्रेरित किया है. ऐसे में सरकार और ग्रामीणों के बीच सेतु की भूमिका निभाते हुए रिलांयश फाउण्डेशन ने गाँव के खेतों के चारों ओर तारबाड़ लगाकर फसलों को जंगली जानवरों के आतंक से निजात भी दिलाई। और ग्रामीणों को उन्नत बीज भी दिए.
चिरबटिया क्षेत्र में उत्तराखण्ड सरकार की होम स्टे योजना भी खूब परवाना चढ़ी है. रिलांयश द्वारा यहां दर्जनों गांवों के ग्रामीणों को इकठ्ठा कर उन्हें होम स्टे योजना के प्रति जागरूक किया तो कुछ ग्रामीणों ने इस क्षेत्र में आगे कदम बढ़ाया है. सरकार की होम स्टे योजना के तहत चिरबटिया लुठियाग के ग्रामीणों ने अपने पारम्परिक पहाड़ी मकानों में देश विदेश से आने वाले पर्यटकों और तीर्थाटनों को ठहराने की व्यवस्था की है.
सरकार और रिलांशफाण्डेशन सलाह के बाद ग्रामीणों की दृढ़ इच्छा शक्ति एकता और आपसी समन्वय से आज चिरबटिया क्षेत्र में हर तरफ खुशहाली लौट आई है. सरकार की योजनाओं को ग्रामीणों ने रिलायंश फाउण्डेशन के सहयोग से अमलीजामा पहनाया है जिसने आज दुखों के जंजाल में फंसे ग्रामीणों को न केवल बाहर निकाला है बल्कि अन्तराष्ट्रीय फलक पर पूरे रूद्रप्रयाग जनपद का भी मान बढ़ाया है.
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संवाद365/कुलदीप राणा