सीएम धामी ने अंकिता के परिवार को 25 लाख मुआवजा देने के दिए निर्देश, कवी कुमार विश्वास ने दिया ये बयान

October 27, 2022 | samvaad365

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिवंगत अंकिता भंडारी के परिजनों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं। उनके निर्देश पर मुख्यमंत्री कार्यालय ने 25 लाख रुपये की धनराशि मंजूर किए जाने का आदेश जारी किया।

मुख्यमंत्री ने अंकिता के परिजनों को हर संभव मदद का भरोसा दिया था। उन्होंने गरीब परिजनों को आर्थिक सहायता देने की बात भी कही थी। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री ने 25 लाख रुपये की सहायता देने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अंकिता के परिवार के साथ है और उनकी हर प्रकार से सहायता करेगी। मामले की एसआईटी जांच की जा रही है। पूर्ण निष्पक्ष तरीके से जल्द से जल्द जांच पूरी की जाएगी। मामले से संबंधित हर तथ्य को जुटाते हुए पुख्ता तरीके से रिपोर्ट तैयार कर अपराधियों को सख्त से सख्त सजा दिलाना सुनिश्चित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराधियों को ऐसी सजा दिलाई जाएगी जो आगे के लिए भी नजीर बने। पीड़ित परिवार को त्वरित न्याय मिल सके, इसके लिये फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई के लिए न्यायालय से अनुरोध किया गया है। उधर, मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद अपर सचिव मुख्यमंत्री नवनीत पांडेय ने मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से अंकिता के परिजनों को आर्थिक सहायता के रूप में घोषित 25 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत करने का आदेश जारी किया।

रिजॉर्ट नीलाम कर सारा धन परिजनों को दें: कुमार विश्वास 

अंकिता हत्याकांड पर मशहूर कवि कुमार विश्वास भी टिप्पणी करने से खुद को नहीं रोक सके। प्रदेश सरकार के अंकिता के परिजनों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने के फैसले पर कुमार विश्वास ने प्रश्न किया? उन्होंने ट्विटर पर पोस्ट लिखी, पर क्यों? सत्ता के अहंकार में डूबे उस नीच दुर्योधन के कुकर्मों का मुआवजा टैक्स-पेयर के पैसे से क्यों दिया जाएगा? उस नराधम के रिसोर्ट और संपत्तियों की नीलामी करके इस बिटिया के परिजनों को सारा धन दिया जाए।

अनाचार करें पॉलिटिकल परिवार के संरक्षण में पले बेलगाम लड़के और भरे जनता। वह आगे लिखते हैं, गद्दी पर बैठे हुए हर धृतराष्ट्र को यह सदैव याद रखना चाहिए कि जिन राजवंशों के दुर्योधन भरी राज्यसभा में अपनी बेटियों, बहनों और कुलवधुओं का अपमान करते हैं, वे कितने भी वैभवशाली हस्तिनापुर हों, समय का महाभारत अंतत: उन्हें विनाश के मलबे में तब्दील कर ही देता है।

संवाद 365, दिविज बहुगुणा

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