देहरादून: लॉकडाउन में ग्राफ़िक एरा समूह ने बढ़ाये मदद के हाथ… मजदूरों और गरीब परिवारों को बांटी खाद्य सामग्री

April 20, 2020 | samvaad365

देहरादून: वैश्विक महामारी के इस दौर में जहाँ एक और लोग घरों में कैद होकर किसी तरह सुरक्षित रहने की जुगत में हैं वहीँ दूसरी ओर समाज का ग़रीब एवं दिहाड़ी के बूते अपनी बसर करनेवाला तबका दो जून की रोटी को तरस रहा है।  ऐसे में कुछ लोग तथा संस्थान निःस्वार्थ भाव से उनकी  मदद को आगे आ रहे हैं।  ग्राफ़िक एरा विश्वविद्यालय समूह के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉक्टर कमल घनशाला इसकी एक मिसाल बने हैं। प्रोफेसर कमल घनशाला के नेतृत्व में ग्राफ़िक एरा परिवार लॉक डाउन का एलान होते ही इस दिशा में सक्रिय हो गया था।  ग्राफ़िक एरा विश्वविद्यालय के बोर्ड ऑफ़ मैनेजमेंट की सदस्या, राखी घनशाला ने दिहाड़ी मज़दूरों एवं ग़रीब परिवारों  को निरंतर रूप से राशन वितरण कर इस विकट घडी में समाज के  प्रति अपना उत्तरदायित्व निभाते हुए आज भी खाद्य सामग्री के ५०० पैकेटो  का वितरण किया।  दैनिक ज़रूरतों  के लिहाज़ से प्रत्येक पैकेट में आटा, चावल, दाल, चाय, चीनी, तेल, मसाले आदि सहित बारह किलोग्राम खाद्य सामग्री रखी गयी है। इससे पहले १५ अप्रैल को अपने जन्म दिन पर  भी डॉक्टर कमल घनशाला ने खाद्य सामग्री के ५०० पैकेटो  का वितरण किया। इस प्रकार ग्राफ़िक एरा विश्वविद्यालय समूह लगभग बीस टन से अधिक खाद्य सामग्री ज़रूरतमंदों में वितरित कर चूका है।

कोविड -19 को वैश्विक महामारी घोषित करने के बाद से ही ग्राफ़िक एरा विश्वविद्यालय एवं ग्राफ़िक एरा पर्वतीय विश्वविद्यालय ने इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया था।  डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म के ज़रिये  छात्र – छात्राओं को निर्बाध रूप से पठन-पाठन सामग्री प्रदान कर उनका मूल्यांकन  भी किया जा रहा है। खाद्य सामग्री के वितरण के साथ ही पर्वतीय विश्वविद्यालय की लैब में सैनिटाइज़र का बड़े पैमाने पर उत्पादन कर लोगों में निशुल्क बांटा गया।

इसके अलावा सोशल मीडिया के माध्यम से शिक्षक एवं छात्र-छात्राएँ लगातार “कोविड -19 वैश्विक महामारी” के प्रति लोगों को जागरूक करने का काम भी कर रहे हैं। इस अवसर पर  ग्राफ़िक एरा विश्वविद्यालय समूह के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉक्टर कमल घनशाला ने कहा की इस संकट की घडी में वे केवल अपना सामाजिक दायित्व निभा रहे हैं जो की प्रत्येक संसथान एवं व्यक्ति को निभाना चाहिए, उन्होंने बताया कि , सीमा पर देश के लिए शहीद  होने वाले सैनिकों के परिवारों को सहायता  देने की बात हो या फिर, राज्य में केदारनाथ जैसी प्राकृतिक आपदा के समय गांव-गांव तक राहत और बचाव का काम हो, ग्राफ़िक एरा विश्वविद्यालय समूह हमेशा अपनी सेवाएं प्रदान करता रहा है।

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