उत्तराखंड में देखने को मिल सकता है सूर्यग्रहण का दुष्प्रभाव, चारधाम सहित अन्य मंदिरों के कपाट होंगे बंद

October 25, 2022 | samvaad365

इस साल 25 अक्तूबर को लगने वाले आखिरी सूर्यग्रहण 2022 का दुष्प्रभाव उत्तराखंड में भी देखने को मिलेगा। किसी भी दुष्प्रभाव से बचने को बदरीनाथ-केदारनाथ सहित चारों धामों के कपाट बंद रहेंगे।  25 अक्तूबर को प्रात 426 बजे से शाम 532 मिनट तक सूर्य ग्रहण के चलते उत्तराखंड के चारों धामों सहित सभी छोटे-बड़े मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे। इस अवधि में किसी भी श्रद्धालु को पूजा और दर्शन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

सूर्य ग्रहण के दिन 25 को बंद रहेगा केदारनाथ मंदिर

पंचाग गणना के अनुसार 25 अक्तूबर मंगलवार को सूर्यग्रहण के चलते केदारनाथ मंदिर बंद रहेगा। साथ ही बदरी-केदार मंदिर समिति के अधीन आने वाले सभी मंदिर बंद रहेंगे। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि पंचांग गणना के अनुसार 25 अक्तूबर मंगलवार को प्रात: चार बजकर 26 मिनट से शाम पांच बजकर 32 मिनट ग्रहणकाल तक केदारनाथ मंदिर एवं सभी अधीनस्थ मंदिरों के कपाट ग्रहण के दौरान बंद रहेंगे।

ग्रहण से ठीक पहले मंदिर बंद हो जाएंगे। 12 घंटे पहले सूतक प्रारंभ हो जाएगा। पंचांग के अनुसार 25 अक्टूबर शाम 5 बजकर 32 मिनट तक ग्रहण काल रहेगा। ग्रहणकाल तक उत्तराखंड के चारों धामों सहित छोटे बड़े मंदिर बंद रहेंगे। ग्रहण समाप्ति के बाद केदारनाथ मंदिर सहित अधीनस्थ मंदिरों में साफ सफाई कार्य तथा शांयकाल पूजाएं आरती संपंन होंगी।

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दीपावली के अगले दिन सूर्य ग्रहण दिवाली के बाद साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 25 को लग रहा है। जिस वजह से दीपावली के तीसरे दिन गोवर्द्धन पूजा होगी। यह मौका करीब 27 साल बाद आ रहा है। इसकी वजह से अगले दिन आने वाली गोवर्द्धन पूजा दीपावली के तीसरे दिन मनाई जा सकेगी।

धार्मिक नजरिए से ग्रहण अशुभ है। ज्योतिषाचार्य डा.सुशांतराज के मुताबिक, ग्रहण के दौरान किसी भी तरह का शुभ काम, पूजा पाठ वर्जित होती है। इस कारण गोवर्द्धन पूजा भी टल गई है। इससे पहले 30 अप्रैल को सूर्य ग्रहण लगा था। 25 को सूर्य ग्रहण शाम साढ़े चार बजे चरम पर रहेगा।

देश में यह दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड, लेह, जम्मू कश्मीर से अच्छे से देखा जा सकेगा। ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले सूतक काल प्रभावी हो जाएगा। जिसके कारण सभी मंदिरों के पट बंद रहेंगे। ग्रहण की समाप्ति पर पूरे घर व मंदिर में गंगाजल का छिड़काव किया जाता है।

संवाद 365, दिविज बहुगुणा

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