उत्तराखंड हुआ शर्मसार : गांव में आज तक नहीं पहुंची सड़क, गर्भवती ने जंगल में दिया बच्चे को जन्म

July 28, 2022 | samvaad365

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कई सरकारें आई और गई. कई सीएम आए, कई वादे कर गए लेकिन वो वादे धरातल पर कभी नहीं उतरे. पहाड़ी क्षेत्रों के विकास को लेकर लाखों वादे और दावे किए गए लेकिन आज सभी पहाड़ी क्षेत्रों की हालत जानते हैं. आज भी पहाड़ के कई गांव ऐसे हैं जहां पानी नहीं, बिजली नहीं है. और ना ही सड़क है. बीमार होने पर गांव वाले मरीज को डोली के सहारे कई किलोमीटर दूर ले जाते हैं. इस बीच कई मरीज दम तोड़ देते हैं जो अस्पताल पहुंचते हैं उनके शहरों के अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है.

उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में सड़कें ना होने के कारण कईयों ने अपनी जान गवाई और कई ऐसे वाक्या हुए जो शर्मसार कर देने वाले हैं. बता दें कि ताजा मामला नैनीताल से चंद किमी दूर एक गर्भवती को कुर्सी में बांधकर अस्पताल ले जाया गया. महिला ने बच्चे को जंगल में ही जन्म दे दिया। इसके बाद महिला को सड़क तक पहुंचाया गया औऱ एम्ब्युलेंस की मदद से अस्पताल पहुंचाया गया ।

आपको बता दें कि ये सब हुआ दिल्ली से नैनीताल को जोड़ने वाले एनएच 87 में ज्यूलिकोट भुजीयघाट से लगभग 5 किलोमीटर दूर पैदल मार्ग में बलूटी गांव है जहां आज तक सड़क नहीं पहुंच पाई. इसका खामियाजा आज भी गांव वाले भुगत रहे हैं.

मिली जानकारी के अनुसार बुधवार शाम को बलूटी गांव निवासी एक गर्भवती महिला को अचानक प्रसव पीड़ा होने लगी जिसके बाद गांव वाले उसे कुर्सी में बांधकर सड़क तक पहुंचा रहे थे कि महिला ने बीच रास्ते जंगल में ही बच्चे को जन्म दे दिया। फिर सड़क तक एम्बूलेंस पहुंची और महिला को अस्पताल ले जाया गया लेकिन ये घटना शर्मसार कर देने वाली है. कहां है सरकार की महिलाओं को लेकर लाई गई योजनाएं. जब गर्भवती महिला को इलाज तक नहीं मिल पा रहा तो मान सम्मान और उत्थान कैसे होगा।

इस पर क्षेत्र की पंचायत सदस्य मुन्नी जीना, कुंदन सिंह जीना और पूर्व जिला पंचायत सदस्य संजय शाह ने बताया की गांव में ऐसा तो आए दिन होता रहता है ।

संवाद 365, दीपिका भंडारी

 

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