हरिद्वार: 15 अप्रैल 2015 को हरिद्वार के कनखल में नाबालिग से हुए बलात्कार और फिर उसकी हत्या कर देने के मामले में दोषी जीजा को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अर्चना सागर ने दोषी करार करते हुए उसे आजीवन कारावास और 60 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। 15 अप्रैल 2015 को जीजा ने अपनी ही साली के साथ दुष्कर्म कर उसे मौत के घाट उतार दिया था। जिसके बाद मृतका की बहन ने पुलिस में अपने सौतेले भाईयों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जब पुलिस ने छानबीन की तो मृतका की बड़ी बहन का पति ही दोषी पाया गया। वहीं शासकीय अधिवक्ता आदेश चंद चौहान का कहना है कि 15 अप्रैल 2015 को मृतका की बड़ी बहन ने उसे अपने मायके में मृत पड़ा पाया थआ, उसके गले के पास सीने में कैंची घुसी हुई थी। चुन्नी से उसका गला घोटा हुआ था और सिर पर प्रेस मार कर चोट पहुंचाई हुई थी।
जिसके बाद मृतका की बहन ने अपने सौतेले भाईयों पर हत्या करने का शक जाहिर किया था लेकिन जब पुलिस ने इस मामले की छानबीन शुरू की तो पाया कि मृतका अपने जीजा से बात नहीं करती थी लेकिन उसके जीजा की बुरी नजर मृतका (साली) पर थी। एक दिन जब मृतका की बहन यानी की दोषी की पत्नी घर में नहीं थी तो दोषी जीजा अपने ससुराल पहुंच गया जहां उसने अपनी साली को अकेला पाकर पहले उसके साथ दुष्कर्म किया और फिर उसकी हत्या कर दी। गौरतलब है कि मृतका की बड़ी बहन ने दोषी जीजा मनोज से प्रेम विवाह किया था, और मृतका अपने जीजा से बात नहीं करती थी। जिसके बाद पुलिस को जीजा पर शक हुआ और उन्होंने मामले का एंगल बदलते हुए तफ्तीश करना शुरू कर दिया, और घटना का असली दोषी जीजा ही पाया गया। बहरहाल दोषी जीजा ने साली के साथ किए गए दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या करने का जुर्म स्वीकार करते हुए अपना बयान दर्ज कराया था।
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संवाद365/काजल