घनसाली- पौराणिक संस्कृति के अनुसार मान्दरा गांव के युवा मनाते हैं दीपावली

November 5, 2021 | samvaad365

प्रकाश पर्व दीपावली को पूरे देश में बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है। वहीं उत्तराखंड के एक गांव में प्रवासी युवा आज भी पौराणिक संस्कृति के अनुसार ही दिवाली मनाने गांव जाते हैं .

हिंदुओं के सबसे बड़े पर्व दीपावली का पूरे देश में अलग ही महत्व है। देश के हर कोने में लोग अपने रिवाजों के अनुसार बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं।

वहीं टिहरी जनपद का मान्दरा गांव पहले ही 90 प्रतिशत कर चुका है लेकिन गांव के कुछ प्रवासी युवा आज भी गांव की पौराणिक संस्कृति को जिंदा रखने दिवाली मनाने शहरों से गांव आते हैं, और पौराणिक संस्कृति के अनुसार गांव में दिवाली मनाने है.

युवा खुद तरह तरह के पकवान बनाते हैं और गांव में रह रहे बुजुर्गों को भी खिलाते हैं।
जबकि मान्दरा गांव की दिवाली का आकर्षण भेलो होता है, भेलो को चीड़ की लीशादार लकड़ी से बनया जाता है और जलाकर घुमाया जाता है.

वहीं पलायन आयोग के सदस्य रामप्रकाश पैन्यूली ने भी मान्दरा गांव के प्रवासी युवाओं की खूब सराहना की है और पलायन को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की पहल की.

(संवाद 365/पंगज भट्ट)

 

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