हरिद्वार: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मोक्षदायिनी मां गंगा स्वर्ग लोक से भगवान शिव की जटाओं में पहुंची थीं और शिव की जटाओ से होते हुए माँ गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था इसलिए इस दिवस को गंगा सप्तमी के रूप में मनाया जाता है, इस दिन तीर्थ पुरोहित और श्रद्धालु हरिद्वार आकर बड़े ही उत्साह के साथ गंगा में स्नान कर पूण्य की कामना करते हैं मगर लॉक डॉउन के चलते हरकी पैड़ी पर प्रशाशन ने पूर्ण रूप से रोक लगाई हुई है और इसी वजह से बहुत ही कम मात्रा में श्रद्धालु अन्य घाटो पर गंगा का स्नान और पूजा पाठ कर रहे है और हर की पौड़ी के तमाम घाट सूने पड़े हैं।
गंगा सप्तमी के दिन बड़ी संख्या में संत समाज भी गंगा पूजन करते है मगर लॉक डाउन होने की वजह से सभी संत अन्य गंगा घाटों पर स्नान और पूजा अर्चना कर रहे हैं निरंजनी अखाड़े के सचिव रविंद्रपुरी महाराज का कहना है कि आज गंगा सतमी है आज स्वर्ग लोक से भगवान शंकर की जटाओं से गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुई थी आज का दिन काफी महत्वपूर्ण है।
गंगा को साफ करने की कोशिश भी कई बार की गई लेकिन जो काम बड़े बजट और भागदौड़ से नहीं हुआ वो इन दिनों कोरोना वायरस के चलते हुए लाॅकडाउन ने किया है गंगा काफी हद तक साफ हो चली है उम्मीद है ये सबकजरूर लिया जाएगा और गंगा आगे भी अपना वास्तवित रूप ले पाएगी।
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संवाद365/नरेश तोमर