गढवाल की सांस्कृतिक राजधानी कहे जाने वाली श्रीनगर में बैठकी होली का आयोजन शुरू हो गया है। होल्यारों केे ढोलक, हारमोनियम की धुन पर लोग जमकर ठुमके लगा रहे है। यहॉ होली से पहले बैठकी होली का दौर शुरू हो गया है। गढ़वाल क्षेत्र में जितने उत्साह के साथ होली मनाई जाती है उतना शायद ही कहीं और मनाई जाती होगी। यहां बसन्त ऋतु से ही होली खेलने का दौर शुरू हो जाता है। गढ़वाल में होली को होरी कहा जाता है. ओर होली खेलने वालों को होल्यार। गढ़वाल क्षेत्र में बसन्त पंचमी से ही फाग के गीत शुरू हो जाते हैं। ओर होली आने तक इसी तरह बैठकी होली का दौर चलता रहता है। श्रीनगर में लबे समय से बैठकी होली खेलते आ रहे होल्यार बताते हैं कि बीते दो वर्ष कोरोना के चलते होली का रंग फीका रहा. मगर इस बार वे अपने साथियों के साथ एक महीने पहले से ही बैठकी होली खेलने लगे हैं। साथ ही बैठकी होली के माध्यम से पहाड़ की पौराणिक विरासत को नये पीढी को सौंपने की कोशिश कर रहे हैं।
संवाद365,डेस्क
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