करोड़ों-करोड़ की लागत से बनी सूर्यकुंड-रानीताल पेयजल पंम्पिंग योजना बनी शोपीस,लोयल गांव के लोगों ने दी आँदोलन की चेतावनी
ऐंकर नरेन्द्रनगर विधानसभा की पट्टी दोगी के लोयल गांव में इस भीषण गर्मी में ग्रामीण बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं.
दोगी क्षेत्र की 27 ग्राम पंचायतों के पेयजल समस्या को हल के लिए लगभग 50 करोड़ की लागत से बनी सूर्यकुंड रानीताल पेयजल पंपिंग योजना मात्र शोपीस बनकर रह गई है.
यह योजना 10 वर्षों पूर्व बनकर तैयार हो चुकी थी, गांव क्षेत्र में तब 5 से 10 परिवारों के बीच सामुहिक कनैक्शन दिए गये थे,मगर जलापूर्ति ठप रही,आज भी हर घर जल-नल योजना का कनैक्शन सूर्यकुंड-रानीताल योजना से जोड़ा गया है.
लोयल गांव में आज भी 45 पुराने सामुहिक कनैक्शन मौजूद हैं,जो सूर्य कुंड-रानीताल पेयजल पंपिंग योजना से पहले भी जुड़े थे और आज भी जुड़े हैं,मगर ग्रामीणों का कहना है कि पानी 7 से 10 दिन के बीच दिया जाता है,जो ग्रामीणों के साथ भद्दा मजाक है.
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि हर घर जल नल योजना बुरी तरह फेल हो चुकी है, सूर्य कुंड रानीताल पेयजल पंपिंग योजना क्षेत्र में शोपीस बनकर रह गई है.
गांव के पेयजल प्राकृतिक स्त्रोत बेहद पतले पड़ गये हैं,अब लोयल गांव एक ही जल स्त्रोत पर निर्भर हैं,पानी का वितरण वर्तनों के हिसाब से किया जाता है.
लोग रात भर पानी के लिए अपनी बारी का इंतजार करते रहते हैं, कभी-कभी तो स्त्रोत पर मार-पीट की नौबत तक आ जाती है.
सोमवार को ग्रामीणों का गुस्सा सरकार पर फूट पड़ा और उन्होंने पेयजल स्रोत पर ही सरकार के खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी की.
ग्रामीणों ने सूर्य कुंड-रानीताल पेयजल पंपिंग योजना से नियमित जलापूर्ति करने तथा गांव के बीच पैतृक जल स्रोत को संवर्धित करने की मांग प्रदेश सरकार से की है,मांग न मानने पर सड़क पर उतरने और आंदोलन करने की चेतावनी दी है.
संवाद 365, वाचस्पति रयाल
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