देहरादून: राजधानी देहरादून के राजकीय दून मेडिकल कॉलेज और नेशनल कॉन्फ्रेंस सोसाइटी ऑफ क्लीनिकल एनाटॉमिस्ट (National Conference Society of Clinical Anatomists) के तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार की शुरुआत हो गई है. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ हेमचंद्र पांडे पहुंचे और विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की. सेमिनार के पहले दिन क्लिनिकल एनाटॉमी से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई.
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ हेम चंद्र पांडे पहुंचे और विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। सेमिनार के पहले दिन क्लिनिकल एनाटॉमी से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई। इस दौरान डॉ हेमचंद्र ने कहा कि मेडिकल साइंस में एनाटॉमी का महत्वपूर्ण स्थान होता है। उन्होंने बताया कि एनाटॉमी का बेहतर ज्ञान बीमारी के इलाज के साथ ही शल्यक्रिया की सफलता में सहायक सिद्ध होता है डॉक्टर पांडे के अनुसार शारीरिक संरचना और अंगों की वस्तुस्थिति से रोगों की पहचान में भी आसानी होती है। वहीं मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य का कहना है कि कॉलेज में भ्रूण विज्ञान से संबंधित एक सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया जा रहा है। उन्होंने दून मेडिकल कॉलेज के एनाटॉमी विभाग का मॉर्डनाइजेशन किए जाने पर जोर देते हुए कहा कि क्लिनिकल एनाटॉमी को बढ़ावा देने के लिए कॉलेज प्रबंधन हर संभव प्रयास करने जा रहा है।
इसके साथ ही सेमिनार में मौजूद आयोजन सचिव डॉक्टर महेंद्र कुमार पंत ने कहा कि एनाटॉमी केवल लेक्चरर थिएटर तक सीमित ना रहे बल्कि सीधे मरीजों तक इसका लाभ पहुंचे इसके लिए जरूरी है कि डायग्नोस्टिक सिस्टम को इस्तेमाल किया जाए.
संवाद 365, संदीप रावत
यह भी पढ़ें- भारतीय जनता युवा मोर्चा देहरादून ने आयोजित की तीन दिवसीय बैटमिंटन प्रतियोगिता