नवरात्र पहला दिन : पावन पर्व नवरात्र की शुरूआत, पहले दिन होती है मां शैलपुत्री की पूजा ,जानें कैसे करें मां को प्रसन्न

October 7, 2021 | samvaad365

आज से पावन पर्व नवरात्रि की शुरूआत हो रही है । 9 दिनों तक चलने वाले इस पर्व की चारों ओर अलग ही छठा देखने को मिलती है । मंदिरों में जगह – जगह माता रानी को प्रसन्न करने के लिए भीड़ लगी रहती है । लोग नौ दिनों तक व्रत करते हैं , हवन करते हैं सुबह शाम घर में माता रानी की पूजा की जाती है । कई जगह अखंड रामायण का पाठ किया जाता है । कई घरों में अखंड ज्योत जगाई जाती है आज नवरात्र का पहला दिन है । आज  से 9 दिनों तक देवी के अलग अलग रूपों की पूजा की जाती है । आज देवी को शैलपुत्री रूप में पूजा जाता है । पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण माता का नाम शैलपुत्री पड़ा। माता शैलपुत्री का जन्म शैल या पत्थर से हुआ, इसलिए इनकी पूजा से जीवन में स्थिरता आती है। मां को वृषारूढ़ा, उमा नाम से भी जाना जाता है। उपनिषदों में मां को हेमवती भी कहा गया है।मां शैलपुत्री की उपासना करने से व्यक्ति को धन-धान्य, ऐश्वर्य, सौभाग्य तथा आरोग्य की प्राप्ति होती है । मां शैलपुत्री के इस मंत्र का जाप कर आप मां को प्रसन्न कर सकते हैं ।

वन्दे वाञ्छित लाभाय चन्द्र अर्धकृत शेखराम्।
वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥

इसेक साथ ही यदि आप मां के इस मंत्र का 11 बार जाप करते हैं तो आपको धन-धान्य, ऐश्वर्य और सौभाग्य में वृद्धि होगी और आपको आरोग्य तथा मोक्ष की प्राप्ति भी होगी।

‘ऊं ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नम:।’

नवरात्रि के दौरान दुर्गा सप्तशती का पाठ करना बड़ा ही फलदायी बताया गया है | जो व्यक्ति दुर्गासप्तशती का पाठ करता है वह हर प्रकार के भय, बाधा, चिंता और शत्रु आदि से छुटकारा पाता है, साथ ही उसे हर प्रकार के सुख-साधनों की प्राप्ति होती है। जानिए मां शैलपुत्री की पूजा विधि और मंत्र।

मां के पूजा की विधि 

इस दिन सुबह उठकर जल्दी स्नान कर लें, फिर पूजा के स्थान पर गंगाजल डालकर उसकी शुद्धि कर लें।

घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।

मां दुर्गा का गंगा जल से अभिषेक करें।

नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना भी की जाती है।

पूजा घर में कलश स्थापना के स्थान पर दीपक जलाएं।

अब मां दुर्गा को अर्घ्य दें।

मां को अक्षत, सिन्दूर और लाल पुष्प अर्पित करें, प्रसाद के रूप में फल और मिठाई चढ़ाएं।

धूप और दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और फिर मां की आरती करें।

मां को भोग भी लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। इस दिन मां को सफेद वस्त्र या सफेद फूल अर्पित करें।

मां को सफेद बर्फी का भोग लगाएं।

संवाद365,डेस्क

 

 

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