पौड़ी- URDA के अधिकारी पर 30 लाख रिश्वत मांगने का आरोप

September 2, 2022 | samvaad365

जनपद पौड़ी में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल के टाइम पर UREDA के CPO नीरज गर्ग पर पौड़ी के ओड्डा में उत्तराखण्ड में विद्युत उत्पादन करने वाले पहले सोलर प्लांट संचालित करने वाले,योजना के लाभार्थी डीएस रावत ने उनको मिलने वाली,2 करोड़ से ऊपर की CFA(Central Financial Assistance) राशि निर्गत करने के लिये 30 लाख कमीशन माँग कर उनका आर्थिक और मानसिक उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है!रावत ने यह आरोप लगाते हुये बताया कि साल भर से केन्द्र सरकार के CFA फंड की 8 करोड़ से ज्यादा धनराशि पहाड़ को सोलर प्लांट लाभार्थियों को निर्गत न करने पर केन्द्र सरकार के MNRE (Ministry of New and Renewable Energy) मंत्रालय ने UREDA (Uttarakhand Renewable Energy Development Agency)को,सरकार के सम्बंधित विभाग के सचिव आर.मीनाक्षी सुंदरम को मेल भेजकर आगे प्रोजेक्ट न देने की दी चेतावनी भी दी है! जिससे उत्तराखण्ड को वैकल्पिक/सोलर ऊर्जा प्रदेश के रूप में विकसित करने के सीएम धामी के सपने को बड़ा झटका लगने की संभावना है.

सोलर प्लांट लाभार्थी डी.एस.रावत ने नीरज गर्ग पर 30 लाख कमीशन माँगने का आरोप लगाते हुये यह भी बताया कि उनके पास गर्ग द्वारा उनका आर्थिक और मानसिक उत्पीड़न करने के दर्जनों ऑडियो साक्ष्य भी हैं ,जिसमें गर्ग पैसा “ऊपर” एक पूर्व मुख्यमन्त्री और उनके भाई तक पहुँचाने की बात भी कर रहे हैं!मिडिया द्वारा इस आरोप पर नीरज गुप्ता का पक्ष जानने हेतु उनसे फ़ोन पर भी सम्पर्क किया गया,किंतु संतोषजनक उत्तर न मिलने पर,ज के कार्यकारी ने भी उनसे उनके देहरादून स्थित कार्यालय में भी सम्पर्क किया,तो वे इस बारे में कुछ कहने से बचते हुये गाड़ी लेकर कार्यालय से निकल गये।इधर पौड़ी के विकास भवन स्थित UREDA के कार्यालय में नव नियुक्त परियोजना अधिकारी राजेश्वरी विश्वकर्मा ने मिडिया के द्वारा मामले की तहकीकात करने पर आश्वस्त किया है कि इस हफ्ते के अन्त तक वे पौड़ी की मुख्य विकास अधिकारी के दिशा निर्देशों अनुसार लाभार्थियों को CFA धनराशि को निर्गत करने के सम्बन्ध में अन्तिम निर्णय ले लेंगी.

मिडिया UREDA में व्याप्त भ्रष्टाचार के इस गम्भीर मामले में जल्द मुख्यमन्त्री धामी से भी मुलाक़ात करने का प्रयास कर रहा है,क्योंकि यह विभाग मुख्यमन्त्री के पास ही है और UKSSSC भर्ती में गड़बड़ियों की शिकायत मिलने पर उन्होंने STF का गठन कर इस भर्ती में गड़बड़ी करवाने वाले मुख्य दलाल हाक़म सिंह को जेल की सलाखों के पीछे भिजवा कर साफ़ सन्देश दे दिया है कि भ्रष्टाचार के मामले में उनका रुख वाक़ई में Zero Tolerance का है,जिससे उम्मीद जगी है कि,एक ऐसी ही कार्यवाही वे अपने पास मौजूद विभाग UREDA में करवाने में गुरेज नहीं करेंगे,क्योंकि UREDA में नीरज गुप्ता जैसे भ्रष्ट अधिकारियों के होने के चलते केंद्र सरकार का MNRE मंत्रालय अब UREDA को आगे सोलर/वैकल्पिक ऊर्जा के और प्रोजेक्ट देने के मूड में नहीं है!अगर ऐसा होता है तो यह सरकार की वैकल्पिक ऊर्जा के माध्यम से प्रदेश की आय बढ़ाने और ख़ासकर पर्वतीय जनपदों में रोज़गार पैदा कर पलायन रोकने की योजना पर करारा झटका होगा.

(संवाद 365, भगवान सिंह)

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