श्रीनगर रामलीला समिति के अध्यक्ष बने राजेंद्र सिंह कैंतुरा

August 4, 2020 | samvaad365

श्रीनगर गढ़वाल में होने वाली उत्तराखंड की ऐतिहासिक रामलीला 1886 में पहली बार हुई थी। साल 2021 में ये रामलीला अपने 125 साल पूरे कर लेगी। राजेंद्र कैंतुरा को इस बार रामलीला समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। राजेंद्र कैंतुरा इससे पहले भी समिति के पदों पर कई बार अपनी सेवाएं दे चुके हैं। इस ऐतिहासिक रामलीला में उनका योगदान भी काफी ज्यादा रहा है।

पहली बार रामलीला कमलेश्वर मंदिर के महंत श्री 108 दयाल पुरीस्व. ईश्वर दत्त घिल्डयाललाला मनोरी लाल जैनपं दिवाकर मैठाणीलाला प्रताप सिंह आदि की बैठक में श्रीनगर में रामलीला करने का प्रस्ताव पारित हुआ था। गढ़वाल के पहले स्नातक व डिप्टी कलेक्टर गोविन्द प्रसाद घिल्डियाल को रामलीला का अध्यक्षईश्वरी दत्त घिल्डियाल सदर अमीन सचिव तथा मोहन लाल जैन तथा मनोरीलाल सेठों ने खर्चे की जिम्मेदारी अपने उपर ले कर रामलीला प्रारम्भ की थी।

1924 में स्थानीय राजनीति के चक्कर में मंचन का स्थान बदला गया किंतु दैविक आपदा से पीड़ित हो कर 1925 से आजतक निरंतर रामलीला मैदान गोला बाजार में ही होती है। लीला का प्रारंभ कमलेश्वर मंदिर प्रांगण से होता है। दूसरे दिन की लीला मूल रामलीला मैदान में होती है। अंत में राजतिलक के पश्चात निकट आने वाले मंगल वार को हनुमान मंदिर में शांति पाठ के साथ लीला का समापन होता है।

राजेंद्र सिंह कैंतुरा इससे पहले 1990 में सचिव, 1993-1995 में अध्यक्ष, 1997-2003 में अध्यक्ष, 2004 में महा प्रबंधक, 2005 में अध्यक्ष, 2006-2018 में महाप्रबंधक रहे। अब इसके बाद उन्हें आगामी तीन सालों के लिए अध्यक्ष पद पर पदासीन किया गया है। राजेंद्र कैंतुरा के पूरे परिवार का योगदान इस रामलीला में रहता है। इनके पिताचाचाभाई सभी ने रंगमंच पर अभिनय के साथ कई पदों पर आसीन रहे हैं। इनके चाचा रामेश्वर सिंह कैंतुरा भी 1993 से पूर्व 10 वर्षों तक अध्यक्ष और महा प्रबंधक के पद पर रहे और उसके बाद राजेन्द्र ने राम सेवा की जिम्मेदारी बहुत खूबी से निभाते हुए श्रीनगर की जनता का प्यार और विश्वास जीता है.

https://youtu.be/iQMFCSfrLWU

यह खबर भी पढ़ें-सुशांत सुसाइड मामले में पिता केके सिंह ने की CM नीतीश से सीबीआई जांच कराने की मांग

संवाद 365/डेस्क

52703

You may also like