आज सोमवती अमावस्या का स्नान पर्व है यानी सोमवार की अमावस्या। वैसे तो अमावस्या का अपना अलग महत्व है, मगर सोमवती अमावस्या व्यक्ति के लिए पुण्यदायी है और उस पर सावन में सोमवती अमावस्या पड़ने का योग अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह योग करीब 19 वर्ष बाद आया है। इसके चलते गंगा स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी है। श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य और मोक्ष की कामना कर रहे हैं। गंगा स्नान करने के लिए यहां पर दूर-दूर से श्रद्धालु आए हैं।
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दूर तक भीड़ ही भीड़
उत्तरी हरिद्वार के सप्तऋषि, भूपतवाला, खड़खड़ी और मध्य हरिद्वार के लालतारो पुल, पोस्ट ऑफिस और अपर रोड पर सुबह चार बजे का ऐसा नजारा था कि मानो दूर तक भीड़ ही भीड़ नजर आ रही है। इस दौरान हर हर गंगे, जय मां गंगे, का जयघोष और हरकी पैड़ी गुंजायमान है। भीड़ इतनी है कि हरकी पैड़ी पर तिल रखने तक की जगह नहीं है। वहीं व्यवस्था बनाने में पुलिसबल मुस्तैदी से तैनात है। बात दें कि मेला क्षेत्र को 11 सुपर जोन, 22 जोन और 69 सेक्टर में बांटकर अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।
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गंगा स्नान से दूर होते हैं कष्ट
सोमवती अमावस्या के स्नान पर्व का विशेष महत्व माना जाता है। मान्यता है कि इस अवसर पर मां गंगा में स्नान करने से सभी कष्ट दूर होते हैं। मनोकामनाएं पूरी होती हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस अवसर पर पितरों के निमित्त पूजा करने से जीवन मे सुख और शांति आती है।
सोमवती अमावस्या के दिन मात्र जलस्नान करना व्यक्ति को अश्वमेघ यज्ञ के समान फल दे देता है और आज के दिन अपने पितरों के प्रति तर्पण श्राद्ध आदि करना, पीपल के वृक्ष की पूजा करना और उसमें अपने पितरों की कामना करते हुए किसी भी प्रकार से 108 परिक्रमा कर लें, तो यह निश्चित समझिए कि व्यक्ति का कितना भी कठिनाईपूर्ण जीवन हो, वो सुधर जाता है और व्यक्ति की मनोकामना इच्छितकामना पूर्ण हो जाती है।