वो कहावत तो सुनी ही होगी जिंगदी में चुनौतियों आपकी हिम्मत परखती हैं। घबराने के बजाये डटकर मुकाबला करना ही आपकी कामयाबी की पहली सीढ़ी है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण आईपीएस अफसर तृप्ति भट्ट है। पहाड़ की बेटिया भी अब हर क्षेत्र में पहाड़ का नाम रौशन कर रही है। उत्तराखंड की प्रतिभाशाली बेटियां मुशकिल से मुशकिल परिस्थितियों मे भी मेहनत के दम पर बड़े मुकाम हासिल कर रही है।
तृप्ति भट्ट मूल रूप से अल्मोड़ा जिले की रहने वाली है।उन्होने पंत नगर यूनिवर्सिटी से मेकेनिकल इंजिनियरिंग की। वर्तमान में वह देहरादून में एसपी इंटेलिजेंस एंड सिक्योरिटी के पद पर तैनात है। उनके पति भी भारतीय राजस्व सेवा में अधिकारी हैं। तृप्ति हमेशा से ही सिविल सेवा में जाने का सपना देखती थीं। तृप्ति ने अपने इस सपने को पूरा करने के लिए वैज्ञानिक बनने का प्रस्ताव तक ठुकरा दिया। इतना ही नहीं उन्होनें कई बड़ी कंपनियों के ऑफर तक ठुकरा दिया। कड़ी मेहनत और लगन के दम पर उन्होंने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की सिविल सेवा परिक्षा में 165 वीं रैंक हासिल की। तृप्ति समाज को अपराध मुक्त करने और महिलाओं को अधिकारों के प्रति जागरूक करने को अपनी पहली प्राथमिकता बताती है।
अंकिता कुमाई