थराली : फार्मासिस्ट के भरोसे चल रहा एलोपैथिक चिकित्सालय, तैनाती के बावजूद भी अस्पताल से गायब डॉक्टर

December 12, 2021 | samvaad365

जहां सरकार आमजन के बेहतर स्वास्थ्य और सहूलियत के लिए डॉक्टरों को पहाड़ चढ़ाने की कोशिश कर रही है वहीं कुछ चिकित्सक ऐसे भी हैं जो तनख्वाह तो पहाड़ो के तैनाती स्थल से ले रहे हैं लेकिन पहाड़ चढ़ने को तैयार नहीं हैं. कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है थराली विधानसभा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ढाडरबगड़ से, जहां तैनात महिला चिकित्सक डॉ शिल्पी पिछले लंबे समय से अस्पताल से गायब हैं और अस्पताल आयुष विंग के एक फार्मासिस्ट के भरोसे चल रहा है.हैरान करने वाली बात ये भी है कि इस अस्पताल में आयुष विंग के ये फार्मासिस्ट भी सप्ताह में केवल तीन दिन ही सेवा दे पाते हैं और बाकी तीन दिन अस्पताल में ताला जड़ा हुआ होता है जिससे ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पाता है ।

ग्रामीणों के आरोपो की पड़ताल करने के लिए शुक्रवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र थराली से भी जांच टीम गयी थी लेकिन जांच टीम भी मीडिया के सम्मुख बयान देने से अपना बचाव ही कर रही है।…..वहीं यहां तैनात आयुष विंग के फार्मासिस्ट मुकेश नोटियाल का कहना है कि तैनाती के बाद से अभी तक महिला चिकित्सक ड्यूटी पर मौजूद नहीं रही ,अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब महिला चिकित्सक अस्पताल ही नहीं पहुंची तो उनकी हाजिरी उपस्थिति रजिस्टर में किसने दर्ज की । हालांकि डॉ शिल्पी ने टेलीफोन पर इन आरोपो पर सफाई देते हुए कहा कि विभाग उन्हें अटैचमेंट पर बार बार अलग अलग स्वास्थ्य केंद्रों में भेज देता है जिसके चलते वे अपने मूल तैनाती स्थान पर उपस्थित नहीं हो पाती हैं उन्होंने ग्रामीणों के आरोपो को सिरे से खारिज किया । फिलहाल ग्रामीण परेशान हैं हताश हैं और कई बार स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री पोर्टल तक शिकायत कर चुके हैं लेकिन न तो डॉक्टर साहिबा ड्यूटी पर आने को तैयार हैं और न ही विभाग ऐसे डॉक्टरों पर कोई कार्यवाही करने को तैयार हैं ।

संवाद365, गिरिश चंदोला 

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