प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत बनी थराली कुराड़ पार्था मोटरमार्ग की वर्तमान स्थिति अब बद से बदतर हो चली है लेकिन जिम्मेदार महकमा है कि टस से मस तक होने को तैयार नहीं. सड़क की स्थिति कुछ इस तरह खस्ताहाल बनी हुई है कि 17 किमी. की लंबी इस सड़क में आधे से ज्यादा दूरी तो सड़क की बजाय केवल गड्ढों में ही नापनी पड़ती है. बची दूरी में इतने खतरनाक डेंजर जोन बने हुए हैं जो आये दिन दुर्घटनाओं को दावत देते हैं.
इस मोटरमार्ग पर वाहन चलाने वाले वाहन चालक सड़क की मरम्मत के लिए विभाग और जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों से कई बार शिकायत कर चुके हैं. लेकिन न तो जनप्रतिनिधियों की नींद खुलती है और न ही विभाग के कानों में कोई जूं तक भी रेंगती है ऐसे में कई बार वाहन चालक श्रमदान और चंदा इकट्ठा कर सड़क के गड्ढों को भरवाने का काम करते हैं और स्थिति बताती है कि शायद जिम्मेदार विभाग किसी बड़ी दुर्घटना के इंतजार में है .
दरसल वर्ष 2013-14 में थराली से कुराड़ ,पार्था,सगवाड़ा ,डूंगाखोली हरिनगर गांवों को जोड़ने के लिए थराली कुराड़ मोटरमार्ग का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ था सड़क वर्ष 2016-17 तक बनकर तैयार भी हो गयी. लेकिन बनने के महज एक साल के भीतर ही सड़क का डामर उखड़कर गड्ढों में ऐसा तब्दील हुआ कि अब सड़क को देखकर अंदाजा नहीं लग पाता है कि गड्ढों में सड़क बनी है या फिर सड़क में गड्ढे बने हुए हैं.
ये स्थिति फिलहाल की है लेकिन बरसात के दिनों में स्क्रबर बन्द होने के चलते और नालियों के निर्माण कार्य ना हो पाने के चलते बरसात का पानी सड़क पर बहने लगता है जिससे भूस्खलन का खतरा बढ़ जाता है. यही नहीं कई बार तो महीनों तक सड़क बन्द ही रहती है लेकिन सड़क की मरम्मत के नाम पर विभाग गड्ढों पर मिट्टी डालने के अलावा कुछ खास कर नही पाया तो वहीं ग्रामीण विभागीय अधिकारियों और क्षेत्रीय विधायक सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाते लगाते थक चुके हैं और इन विषम परिस्थितियों के बावजूद भी जान जोखिम में डालकर आवाजाही को मजबूर हैं.
(संवाद365/गिरीश चंदोला)
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