47 वां खलंगा मेले का हुआ भव्य आयोजन, गोर्खालियों की शान खुखरी नृत्य ने बटोरी वाहवाही

November 28, 2021 | samvaad365

हर साल की तरह इस बार भी ऐतिहासिक खलंगा युद्ध की स्मृति में आयोजित 47 वां खलंगा मेले का नाला पानी स्थित सागरताल में भव्य आयोजन किया गया । दूर दूर से मेला देखने के लिए भारी संख्या में लोग मौजूद रहे । खलंगा मेले में कलाकारों की प्रस्तुतियों ने खूब समा बांधा। रंगारंग प्रस्तुतियों ने गोर्खाली संस्कृति से रूबरू कराया।इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में क्षेत्र के विधायक उमेश शर्मा काउ मौजूद रहे । उन्होनें बताया कि कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत स्वास्थ खराब होने के चलते मेले में शामिल नहीं हो पाए । उन्होने सभी गोर्खाली समाज को शुभाकमाएं देते हुए खलंगा मेले से जुड़ी कई घोषणाएं की जानकारी दी ।

47 वां खलंगा मेले में गोर्खाली , कुमाउंनी , गढ़वाली संस्कृति के लोक नृत्यों ने लोगों का खूब मनोरंजन किया,  वहीं गोर्खालियों की शान खुखरी नृत्य ने खूब वाहवाही बटोरी । प्रस्तुति दे रहे कलाकारों ने बताया कि खुखरी उनकी वीरता का प्रतीक है जिससे 1814 में गोर्रखा सैनिको ने लड़ाई लड़कर अंग्रेजो को छक्के छुड़ाए थे ।इस दौरान मेले में लक्की डॉ का भी आयोजन किया गया जिसमें पहला दूसरा तीसरे पुरूस्कार के साथ ही 21 सांतवना पुरूस्कार रखे गए । जिसे लेकर लोगों में काफी उत्सुकता नजर आई । वहीं खलंगा विकास समिति की मीडिया प्रभारी प्रभा शाह  ने बताया कि हर साल यहां खलंगा मेले का भव्य आयोजन किया जाता है ताकि हमारी संस्कृति का प्रचार हो सके साथ ही वीर भद्र थापा जिन्होनें खलंगा किले को बचाने के लिए पूरी ताकत लगातर अंग्रेजो को मात दी उन्हें आने वाली पीढ़ी भी याद करें । मेले में पारंपरिक व्यंजनों के भी कई सारे स्टाल लगाए गए । मेले में शामिल हुए लोगों ने पारंपरिक व्यंजनों का जायका लिया। जिसमें मीठी सेल, सेल रोटी, मूली चटनी, फिनी रोटी आदि व्यंजन लोगों को खूब भाए।

 

संवाद365, डेस्क

69528

You may also like