स्वास्थ्य मंत्री डा धन सिंह रावत के मार्गदर्षन में आयोजित आरोग्य संवाद कार्यक्रम में प्रदेश मेें सबसे पहले आयुष्मान कार्ड बनाने वाली रूद्रप्रयाग निवासी तारादेवी ने जब अपने अनुभव साझा किए तो उन्होंने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया। तारादेवी कहती हैं कि आयुष्मान योजना के तहत उन्हें सबसे पहले कार्ड बनाने का गौरव हासिल है। वह बताती हैं कि मेरे पति को दिल का दौरा पड़ा, तो कार्ड की अहमियत ठीक से समझ में आई। बीमारी में पूरा इलाज मुफ्त मंे हुआ, और आज उसके पति पूरी तरह से स्वस्थ हैं। कई लाभार्थियों ने छल छलाई आंखों से आयुष्मान की मदद को किसी उपकार से कम नहीं बताया। उन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण से लेकर अस्पताल तक की व्यवस्थाओं का आभार जताते हुए उस सोच को भी सलाम किया जिसने इस जीवन दायनी आयुश्मान योजना का खाका सबसे पहले तैयार किया होगा। जन कल्याण की इस योजना को रफ्तार देने के लिए लाभार्थियों के साथ ही पूरे सिस्टम ने स्वास्थ्य मंत्री डा धन सिंह रावत की कार्य प्रणाली को सराहा और उनका आभार जताया।
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यहां स्वास्थ्य मंत्री ने मीडिया के साथियों से सुझाव लिए। और व्यवहारिक दिक्कतों को मौके पर ही निस्तारित किया। साथ ही योजना के संचालन में सहयोगी सूचीबद्ध अस्पतालों के साथ ही यहां मौजूद जनप्रतिनिधियों के सुूझावों पर भी संज्ञान लिया। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के चौयरमैन डीके कोटिया व मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूणेंद्र चौहान ने योजना की प्रगति को सामने रखा। कार्यक्रम के दौरान लगे आयुष्मान कार्ड बनाने के शिविर में भी आम जन की जुटी भीड़ भी इस बात को पुख्ता करती दिखी कि आयुष्मान को लेकर लोगों में जागरूकता का तेजी से फैलाव हुआ है। जो केंद्र व राज्य सरकार के साथ ही योजना की बेहतरी के लिए भी अत्यंत सुखद है।
संवाद365,रमेश नेगी