डुंगरी गांव के 55 वर्षीय राजेंद्र सिंह मेहता पुत्र कान सिंह मेहता लालघाटी में किसी के दुकान में कई साल से काम करता थे । 1 जनवरी 2022 को वह दुकान बंद कर आठ बजे लालघाटी से अपने घर डूंगरी आ रहा थे लेकिन जब रात तक वो घर नही पहुंचे तो परिजनों ने उनकी ढूंढ खोज की। लेकिन आठ दिन तक उसका कोई पता नहीं चल सका। 9 जनवरी को डुंगरी गांव के नवयुवकों ने सीसीटीवी फुटेज के अनुसार लालघाटी क्षेत्र में खोजबीन की तो शाम साढ़े पांच बजे सड़क से दो सौ मीटर नीचे एक झाड़ी में उसका क्षत विक्षत लाश पड़ा हुआ मिला। प्रथम दृष्ट्या देखने में उसकी मौत गुलदार के शिकार
के रूप में दिखाई दी। गुलदार ने मृतक के चेहरे और पेट वाले हिस्से के सारे मांस को नोंचकर खाया हैं।
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सूचना मिलने पर थल थाने के थानाध्यक्ष हीरा सिंह डॉगी पुलिस टीम कॉस्टेबल रमेश शर्मा, गणेश राम तथा वन विभाग के वन विभाग के वन बीट अधिकारी नवीन चंद्र जोशी,योगेश कुमार और घटनास्थल पर पहुंचे। शव को वहां से कल रात साढ़े छ बजे पुलिस टीम ने ग्रामीणों के मदत से निकाला गया , थानाध्यक्ष हीरा सिंह डॉगी ने बताया कि आज सुबह शव का पंचनामा भर कर पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय को भेज दिया हैं। ज्ञातव्य हो आज से ढेढ़ साल पहले भी मृतक को उसके घर के खेत के पास गुलदार ने जानलेवा हमला किया था। तब खेत में काम कर रही महिलाओं के हल्ला करने से उसकी जान बची थी।राजेंद्र की मौत से उसकी पत्नी बदहवास हैं। वही दो बेटे सदमें में हैं।लालघाटी क्षेत्र में गुलदार के हमले में राजेंद्र के मौत की खबर से लोगों में दहशत फैल गई हैं। शव को खाई से निकालने में सुनील सत्याल, होशियार नेगी, होम गार्ड कुंदन,वीरेंद्र मेहता, लाल सिंह,त्रिलोक खड़ायत ने पुलिस टीम की सहायता की ।
संवाद365,मनोज चंद