भले ही सरकार अवैध खनन कारोबारियों पर नकेल कसने के लाख दावे करती हो लेकिन स्टोन क्रेशर में अवैध रूप से खनन के मामले आए दिन देखने को मिलते हैं । ताजा मामला उधमसिंह नगर जिले के काशीपुर का है जहां जहां खनन-विभाग, राजस्व-विभाग और वन-विभाग की टीमों ने संयुक्त रुप से स्टोन क्रेशरो पर जाकर भंडारण की जांच की तो क्षमता से अधिक गहरे गड्ढों पाए गए । काशीपुर में खनन माफियाओं का इतना बोलबाला है कि संयुक्त टीम भी चाह कर खनन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने की जहमत तक नहीं उठाती… किसी संयुक्त टीम के अधिकारियों ने अवैध खनन के काले कारोबार को अंजाम देने पर सवाल नहीं उटाया । जबकि मुरलीवाला स्टोन क्रेशर पर चारों ओर खुदाई के गहरे गहरे गड्ढे दिखाई दे रहे हैं लेकिन संयुक्त टीम के किसी भी अधिकारी ने उस पर कार्रवाई करने की जहमत तक नहीं उठाई। वही जब संयुक्त टीम को लीड कर रहे हैं वन विभाग के एसडीओ से सवाल किया गया तो मामले को घुमा फिरा कर उन्होंने अपने उच्च अधिकारियों के आदेशों पर बात को गोलमोल कर दिया।
संयुक्त टीम की इस छापेमारी के दौरान कई एसे पहलुओं को अधिकारियों ने नजर अंदाज भी किया जो स्टोन क्रेशरों पर अवैध रूप से किया गया था, गहरे गड्ढों की ना तो नपाई की गयी, और ना ही भंडारण की क्षमता की ही सही से पैमाइश हुई, यही नहीं कुल कितनी छमता का माल बेचा गया है इसका भी कोई रिकॉर्ड अधिकारियों की जांच के दायरे में नहीं था, जबकि अधिकारियों ने छापेमारी की पूरी कार्यवाही के बाद ये भी स्पष्ट नहीं किया कि आखिर किस स्टोन क्रेशर ने छमता से अधिक का भण्डारण किया है या नहीं, जिससे पुरी छापेमारी की कार्यवाही महज खानापूर्ति नजर आ रही थी, वहीं अधिकारियों के पास भी छापेमारी के बाद सवालों के जवाब ना होना भी कई सवाल खड़े कर रहा है।
संवाद365,अजहर मलिक
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