Uttarakhand : हजारों बीघा सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा, केंद्रीय विद्यालयों के लिए नहीं मिल रही जमीन

November 23, 2022 | samvaad365

प्रदेश में हजारों बीघा सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे हैं लेकिन स्कूलों के लिए जमीन ढूंढे नहीं मिल रही है। यही कारण है कि प्रदेश के सभी 95 ब्लॉक में एक-एक केंद्रीय विद्यालय खोलने की योजना खटाई में पड़ गई है। जिलों से महज 26 प्रस्ताव ही भेजे गए। इनमें से अधिकतर प्रस्तावों में मानक के अनुसार जमीन की व्यवस्था ही नहीं है।

हर ब्लॉक में केंद्रीय विद्यालय शुरू करने के पीछे सरकार की मंशा यह है कि बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलेगी और इससे पहाड़ से पलायन भी रुकेगा। प्रदेश सरकार की इस मंशा को केंद्र सरकार ने भी मंजूरी दी। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को पत्र लिखकर प्रदेश सरकार ने हर ब्लॉक में स्कूलों के लिए मुफ्त भूमि देेने का आश्वासन दिया था लेकिन जिलाधिकारी जमीन उपलब्ध कराने में नाकाम साबित हो रहे हैं।

जबकि, सच्चाई यह है कि सरकारी जमीनों पर धड़ल्ले से अवैध कब्जे हो रहे हैं। देहरादून जिले में ही सात हजार बीघा सरकारी भूमि पर कब्जे का मामला सामने आ चुका है। इसी तरह अन्य जिलों में भी माफिया लगातार सरकारी जमीन बेच रहे हैं लेकिन स्कूलों के लिए जमीन की व्यवस्था नहीं है।

हाल यह है कि शासन के आदेश के बावजूद सिर्फ 9 जिलों के जिलाधिकारियों ने 26 केंद्रीय विद्यालयों के प्रस्ताव केंद्रीय विद्यालय संगठन को भेजे हैं। अधिकारियों के मुताबिक केंद्रीय विद्यालय के लिए पांच से दस एकड़ जमीन की जरूरत है। इसमें शर्त यह भी है कि जमीन दान में मिली या वन विभाग की नहीं होनी चाहिए।

दो स्कूल भवनों को मिली मंजूरी 

देहरादून। ऊधमसिंह नगर जिले के खटीमा में केंद्रीय विद्यालय अस्थाई भवन में शुरू हो चुका है। केंद्रीय विद्यालय संगठन की उपायुक्त मीनाक्षी जैन के मुताबिक स्कूल भवन को भी मंजूरी मिल चुकी है। वहीं, चंपावत में स्कूल भवन का निर्माण का चल रहा है।

संवाद 365, दिविज बहुगुणा

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