Uttarakhand : विदेशी छात्रों में बढ़ रहा योग और संस्कृत का क्रेज, करियर बनाने की ढूंढ रहे संभावनाएं

November 1, 2022 | samvaad365

योग और संस्कृत को भारतीय छात्र-छात्राएं भले ही अंग्रेजी की तुलना में कमतर आंकते हैं, लेकिन विदेशी छात्रों में इनका क्रेज बढ़ रहा है। जर्मनी और चीन समेत कई देशों के छात्र संस्कृत व योग में कॅरिअर की संभावनाएं तलाश रहे हैं। योग और संस्कृत की डिग्री लेने के लिए भारत पढ़ने आ रहे हैं। शांतिकुंज परिवार का हरिद्वार स्थित देव संस्कृति विश्वविद्यालय भी विदेशी छात्रों की पाठशाला बना है। देव संस्कृत विवि से अब तक 151 विदेशी छात्र डिग्री ले चुके हैं।

Woman practicing yoga
Woman practicing yoga

संस्कृत दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा है। ऐसा माना जाता है कि दुनिया की तमाम भाषाएं कहीं न कहीं संस्कृत से ही निकली हैं। संस्कृत ईसा से 5000 साल पहले से बोली जाती है। इसी तरह योग ऋषि मुनियों की देन है। नियमित योग करने से शारीरिक एवं मानसिक विकारों से छुटकारा मिलता है।

Foreigners during yoga
Foreigners during yoga

दुनियाभर में योग के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है। भागदौड़ की जिंदगी में स्वस्थ रहने के लिए लोग योग को अपना रहे हैं। 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाने लगा है। बावजूद इसके भारतीय छात्र एवं छात्राएं योग और संस्कृत को अंग्रेजी की तुलना में कमतर आंकते हैं। लेकिन विदेशी छात्र एवं छात्राएं संस्कृत और योग में कॅरिअर बना रहे हैं।

संवाद 365, दिविज बहुगुणा

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