हरिद्वार: रविवार से नवरात्र शुरू हो चुके है। पहले नवरात्र के दिन हरिद्वार के शक्तिपीठ सहित माँ मनसा देवी और चंडी देवी मंदिर में भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। आप को बता दें कि हरिद्वार में माँ चंडी देवी का मंदिर पौराणिक है महिषासुर राक्षस का वध कर माँ ने यहां दर्शन दिए थे। मां चंङी देवी, यानि असुरों का संहार करने वाली मां चंडी देवी, देवताओं के प्राणों की रक्षा करने वाली मां चंडी देवी और भगवान राम के प्राण बचाने वाली भी मां चंङी देवी… यानि अपने भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूरा करने वाली मां चंङी का यह मंदिर पुराणों में वर्णित है और जिस नील पर्वत पर ये मंदिर स्थित है उसके कण कण में मां का वास है। मां चंङी देवी के इस मंदिर की महिमा देवी भागवत में भी कही गई है। नवरात्रों के दौरान इस मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है। मनोकामना सिद्ध मन्दिर में माता का रूप देखते ही बनता है।
हरिद्वार के पौराणिक मंदिरों में शुमार है माँ चंडी का ये मंदिर, भगवती का यह मंदिर सिद्ध पीठ है और माना जाता है कि मां भगवती यहाँ पर अपने रौद्र रूप यानि चंङी रूप में साक्षात विराजती है। पुराणों के अनुसार जब देव लोक में असुरों का अत्याचार बढने लगा तो देवताओं ने मां भगवती की स्तुति की तो मां चंङी रूप एक खंभ को फाड़ कर यहाँ स्वर्ग से सीधे प्रकट हुई। मान्यता है की नवरात्र के दौरान नौ दिन यहीं पर मां चंडी विराजती हैं। यही कारण है की नवरात्रों के दौरान इस मंदिर में देश दुनिया से श्रद्धालु भारी संख्या में मन्नत मांगने आते हैं।
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संवाद365/नरेश तोमर