उत्तराखंड एक कृषि प्रधान राज्य है जहां पर अधिकांश लोग पहाड़ों में खेती कर अपनी रोटी कमाते हैं। हालांकि शहरों में रोजगार की चाह में आज कई लोगों में अपनी जमीन छोड़ शहरों की तरफ रूख कर लिया है । आज उत्तराखंड अपने इसी पलायन की वजह से काफी त्रस्त है । लेकिन इसी पलायन को आज चुनौती देकर आज कई लोग न सिर्फ रिर्वस पलायन कर रहे हैं बल्कि अपनी जमीन पर काम कर स्वरोजगार की दिशा में बेहतर पहल भी कर रहे हैं । एक ऐसा ही उदाहरण है गोपाल उप्रेती का ।
गोपाल उप्रेती अल्मोड़ा के रानीखेत के रहने वाले हैं । इन्होनें उत्तराखंड में सफलतापूर्वक खेती कर यह साबित किया है कि अगर मन में कुछ ठान लो तो सफलता आपके कदम चूमती है। इन्होंने उत्तराखंड में अनेकों प्रवासियों के लिए कृषि एवं बागवानी के क्षेत्र में रोजगार सृजन कर मिसाल कायम की है। यह नाम उत्तराखंड के कुछ चुनिंदा सफल नामों में से है जो अपनी मिट्टी, अपने पहाड़ों में रहकर खेती का व्यवसाय कर रहे हैं।
गोपाल उप्रेती ने अपने खेत में 20,000 ब्रोकली के पौधों का रोपण कर अल्मोड़ा जिले का नाम रोशन किया है।बता दे की प्रगतिशील कृषक एवं बागवान गोपाल उप्रेती को ब्रोकली के बीज कृषि विज्ञान केंद्र अल्मोड़ा ने उपलब्ध कराए और आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई। उन्होंने ब्रोकली जैविक विधि से उत्पादित की है और एक पौधे में तकरीबन आधे से 1 किलो तक की ब्रोकली का फूल पैदा हुआ है।ये कोई पहला मौका नहीं है जब गोपाल उप्रेती ने कोई बड़ा काम किया हो इससे पहले भी इनके नाम कई बड़ी उपलब्धियां दर्ज हो रखी हैं। पिछले साल गोपाल ने जैविक पद्धति से पहाड़ में 7.1 फुट का धनिए का पौधा उगा कर उत्तराखंड का नाम विश्व भर में रोशन किया था और गिनिज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया था। गोपाल उप्रेती के खेत में इतना लंबा और ऊंचा धनिए का पौधा देखकर हर कोई दंग रह गया। अब उन्होंने 20 हजार ब्रॉकली के पौधे उगा कर युवाओं को प्रेरित किया है और देवभूमि का नाम रौशन किया है।
संवाद365,रेनू उप्रेती