नंदा देवी पर्वतारोहण के दौरान सात पर्वतारोही एवलांच में फंस गए थे. सातों पर्वतारोहियों की जान चली गई थी. जिसके बाद उनके शवों को लाने का रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. सात में से चार पर्वतारोहियों के शवों को आईटीबीपी के जवानों ने 18900 फीट की ऊंचाई पर पहुंचा दिया है. इस ऑपरेशन में 11 घंटे का एक लंबा ऑपरेशन चला. मंगलवार को शवों को 450 मीटर की खड़ी दीवार से नीचे उतारने के बाद बेस कैंप तक पहुंचा दिया जाएगा. आईटीबीपी ने इसे विश्व का पहला और तकनीकी रूप से सबसे कठिन अभियान बताया है.
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बताया जा रहा है कि पर्वतारोहियों के शव पिंडारी की ओर गिरे थे. जिस कारण इन शवों को मर्तोली की ओर लाया जा रहा है. आईटीबीपी के 18 हिमवीरों ने ये ऑपरेशन शुरू किया था. और ये जवान बर्फ खतरनाक दर्रों से होते हुए शवों को 18900 फीट की ऊंचाई पर स्थित चोटी तक पहुंचे. जानकारी के मुताबिक शवों को 450 मीटर की खड़ी दीवार से नीचे उतारने के बाद 15600 फीट पर बेस कैंप तक पहुंचाया जाएगा.
(संवाद 365/काजल)
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