चाइल्ड एजुकेशन सोसायटी ने मनाया भव्य विद्या उत्सव

February 2, 2023 | samvaad365

देश व्यापी बाल भारती शृंखला की शीर्ष संस्था चाइल्ड एजुकेशन सोसायटी द्वारा दिल्ली स्थित कमानी ऑडिटोरियम में प्रथम विद्या उत्सव कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। आजादी के अमृत महोत्सव के पालना के अंतर्गत राष्ट्र निर्माण में बाल भारती पब्लिक विद्यालय श्रृंखला का महत्त्वपूर्ण योगदान इस कार्यक्रम में सार्वजनिक किया गया। यह आयोजन वार्षिक रूप में प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता रहेगा। इस विद्या उत्सव आयोजन का मुख्य उद्देश्य चाइल्ड एजुकेशन सोसायटी के प्रगतिशील शैक्षिक कार्यों की उपलब्धि का उत्सव मनाना है। साथ ही प्रतिष्ठित पूर्व छात्रों को राष्ट्र के निर्माण में उनके द्वारा किए गए योगदान के लिए सम्मानित करना है। गौरतलब है कि इस संस्था की स्थापना राष्ट्र में मूल्यात्मक और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की क्रान्ति के लिए 1944 में की गई थी। इस विद्या उत्सव आयोजन के द्वारा भी संस्था ने देश में शैक्षिक जनचेतना संवर्धन का सकारात्मक संदेश दिया है।

इस विद्या उत्सव कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) संस्था के सदस्य, प्रसिद्ध साधु, जीवनशैली प्रशिक्षक, प्रेरक वक्ता श्री गौड गोपाल दास जी, ने अपने उद्बोधन से ‘भारतीय शैक्षिक मूल्यों और संस्कृति में निहित वैश्विक शिक्षा के बारे में अवगत कराते हुए दर्शकों को प्रबुद्ध किया। गुरुजी ने कहा ने कहा कि देश में प्रगति और विकास भावनात्मक एकता से होती है और हमारी भावनात्मक एकता के संवर्धन में शिक्षा का महत्त्व बहुत अधिक है। शिक्षा क्षेत्र में चाइल्ड एजुकेशन सोसायटी का सुदीर्घ योगदान अत्यंत श्लाघनीय है। उन्होंने यह भी बताया कि शिक्षा क्षेत्र में सोसायटी का योगदान निरन्तर आगे भी चलता रहेगा। मनुष्य के जीवन में देश सर्वोपरि है, और शिक्षा मनुष्यों को देश प्रेम से जोड़ने का कार्य करता है। उन्होंने आगे कहा कि सभी धर्मों का आदर सम्मान और राष्ट्रीय एकता बनाए रखने के लिए शिक्षा ही हमें प्रेरित करती हैं।

इस कार्यक्रम में एक और मुख्य आकर्षण के रूप भारतीय कला केंद्र द्वारा प्रस्तुत मीराबाई के जीवन पर आधारित एक शानदार नृत्य-नाटिका रही। इस नृत्य नाटिका प्रस्तुति ने सभागार में स्थित सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। साथ ही इस भावपूर्ण प्रस्तुति ने युवाओं के बीच देश की संस्कृति और विरासत को सुदृढ़ करने के लिए स्कूल की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर कार्यक्रम में शिक्षा विभाग के निदेशक श्री हिमांशु गुप्ता, श्रीराम भारतीय कला केंद्र की निदेशिका पद्मश्री से सम्मानित शोभा दीपक सिंह, चाइल्ड एजुकेशन सोसायटी; के प्रबंधन बोर्ड के अध्यक्ष, श्री निखिल चानना सीईएस के सलाहकार; प्राचार्य; प्रशासनिक प्रमुख; और देश भर में बाल भारती पब्लिक स्कूलों की विभिन्न इकाइयों के कर्मचारी सदस्यों के साथ साथ सम्मानित किए जाने वाले प्रतिष्ठित पूर्व छात्र सदस्यों ने भी अपनी उपस्थिति से शोभा बढ़ाई।

कार्यक्रम में शामिल होने वाले प्रतिष्ठित अतिथियों और गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर इस उत्साहवर्धक कार्यक्रम की शुरुआत की गई। विभिन्न बाल भारती स्कूलों के गायक मंडल ने संयुक्त रूप से इस अवसर के अनुकूल ‘जगाओ मेरा देस…’ की मधुर प्रस्तुति दी। सीईएस के निरंतर विकास की शानदार गाथा और मूल्य-आधारित समग्र गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में इसकी उत्कृष्टता को प्रदर्शित करने वाले एक शानदार वृत्तचित्र ने दर्शकों को मन्त्रमुग्ध कर दिया। राष्ट्रव्यापी बाल भारती पब्लिक स्कूलों के प्रतिष्ठित पूर्व छात्र जिन्होंने खुद को स्थापित कर राष्ट्र निर्माण में योगदान दिया है को भी उनकी उत्कृष्टता के लिए सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर एक कला प्रदर्शनी रिफ्लेक्शंस का भी आयोजन किया गया। एक विजुअल ट्रीट, यह बाल भारती विद्यालयों के नवोदित कलाकारों की सौंदर्य सम्बद्ध संवेदनाओं और कौशलों की अद्भुत अभिव्यक्ति थी। इस कलाकृति की प्रस्तुति ने कलाकारों की समझ को अवधारणाबद्ध करके और वैश्विक चिंताओं के प्रति उनकी संवेदनशीलता को दर्शकों के बीच उपस्थापित किया।

इस अवसर पर बोलते हुए बाल शिक्षा समिति (CES) के अध्यक्ष श्री निखिल चानना ने राष्ट्र के विकास के लिए निरंतर सकारात्मक शिक्षा प्रदान करने के प्रति सोसायटी की प्रतिबद्धता को दोहराया। और पूर्व छात्रों द्वारा राष्ट्र विकास में किए गए प्रयासों की सराहना की। साथ ही लोकतंत्र की मजबूती के लिए शिक्षा के अप्रतिम महत्त्व का उल्लेख किया।

कार्यक्रम के अंत में, श्री एल वी सहगल, संयुक्त सचिव, सी.ई.एस, और बाल भारती पब्लिक स्कूल, गंगाराम हॉस्पिटल मार्ग, के प्रधानाचार्य द्वारा मूल्य-आधारित शिक्षा के लिए सी.ई.एस. की अथक प्रतिबद्धता को मजबूत करने के लिए सभा में उपस्थित अतिथियों दर्शकों शिक्षकों और छात्रों के प्रति कृतज्ञता-पूर्वक धन्यवाद ज्ञापन किया गया। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत के पुरातन इतिहास, संस्कृति और शिक्षापद्धति में मानव सभ्यता के विकास का समग्र बोध निहित है। जिसे विद्यालयों में शिक्षा के माध्यम से छात्रों को पढ़ाया जाना चाहिए। जिससे कि समस्त छात्र हमारी समृद्ध शिक्षा परम्परा से अवगत हो सकें । उन्होंने आगे कहा आज विद्या उत्सव के माध्यम से परस्पर उत्कृष्ट विचारों का आदान-प्रदान किया गया। जिससे परस्पर ज्ञान की बढ़ोतरी हुई है, जो कि एक शुभ संकेत है।

दर्शकों ने इस कार्यक्रम की भूरि भूरि सराहना की, जिसने उत्कृष्टता और विश्वास की नींव पर निर्मित बाल शिक्षा सोसायटी की प्रतिष्ठित विरासत को सार्वजनिक किया। यह विरासत संस्था द्वारा 78 वर्षों से निरंतर समाज में मूल्य शिक्षा और समाज-कल्याण के लिए बड़े पैमाने पर किए गए योगदानों की प्रेरक झलकियों के रूप में दी गई थी । उक्त कार्यक्रम ने वैश्विक परिप्रेक्ष्य के साथ मूल्य-आधारित समग्र गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करके राष्ट्र-निर्माण में सकारात्मक योगदान जारी रखने के लिए (सीईएस) बाल शिक्षा सोसायटी के उत्साह और प्रतिबद्धता को मजबूती के साथ प्रमाणित और प्रकाशित किया। इस अवसर पर बाल भारती पब्लिक स्कूल के पूर्व छात्रों को सम्मानित किया गया।

संवाद 365,परी रमोला

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