जर्जर भवनों के अंदर खतरे में है बच्चों का भविष्य… जिम्मेदार कौन ?

July 24, 2019 | samvaad365

महोबा: यूपी सरकार सर्व शिक्षा अभियान के तहत भले ही करोड़ों रुपये खर्च कर रही हो लेकिन ग्राउंड जीरो की रिपोर्ट में इसका लाभ कुछ कम ही देखने को मिल रहा है. महोबा जिले में ऐसा ही एक मामला सामने आया है. सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को अब छत भी नसीब नहीं हो पा रही है, जिसके चलते स्कूलों के बच्चे सर्दी, गर्मी और बरसात के समय मे भी खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं. महोबा मुख्यालय का प्राथमिक विद्यालय सन्त साहू स्कूलों की बदहाली की एक मिसाल है. पूरे विद्यालय की इमारत इतनी जर्जर है कि बच्चों और शिक्षकों को उसके कभी भी गिर जाने का खतरा बना रहता है. स्कूल में करीब 110 विद्यार्थी पढ़ते हैं, लेकिन कायदे से बच्चों के बैठने लायक एक भी कमरा नहीं है.

कहने को तो स्कूल में 4 कमरे हैं जिनकी हालत बहुत ही खराब और खतरनाक है. विद्यालय परिसर में एक तीन शेड भी बना हुआ है लेकिन इस अस्थायी निर्माण में भी बैठने लायक स्थिति नहीं है. अत्यधिक बच्चे होने के कारण सभी बच्चे बैठ तक नहीं पाते. प्रधानाचार्या ने बताया कि विभाग को भवन निर्माण मरम्मत के लिये सात साल से कई बार लिखित सूचना दे रहे हैं परन्तु अभी तक कोई भी आदेश नहीं मिला है बल्कि स्कूल के बच्चों को कमरों के बाहर पढ़ने के लिये कहा गया है.

(संवाद 365/जावेद बागवान)

यह खबर भी पढ़ें-योगी सरकार का अनुपूरक बजट… तस्वीरों से समझिए क्या है खास

 

39668

You may also like